50 वर्ष पुराने जर्जर भवनों में रहने को मजबूर बिजलीकर्मी
संस भरुआ सुमेरपुर कस्बे के 33/11 केवी पावर हाउस के कर्मी 50 वर्ष पुराने आवासीय भवनों
संस, भरुआ सुमेरपुर : कस्बे के 33/11 केवी पावर हाउस के कर्मी 50 वर्ष पुराने आवासीय भवनों में रहने को मजबूर हैं। इन्हीं में से एक आवास पर अवर अभियंता का कार्यालय संचालित है। बुरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच चुके यह भवन कभी भी ढह सकता हैं।
कस्बे के विद्युत वितरण उपखंड कार्यालय में बिजली कर्मियों के रहने के लिए वर्ष 1970 में आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया था। मौजूदा समय में सभी आवासों में बड़ी बड़ी दरारें हो गई हैं। छतों का प्लास्टर टूट कर गिर गया है। इन्हीं जर्जर भवनों में कर्मी रहने को मजबूर हैं। जर्जर आवासों के एक आवास में विद्युत विभाग के अवर अभियंता का कार्यालय संचालित है। यहां पर दिनभर उपभोक्ताओं के साथ बिजली कर्मियों का आना जाना रहता है। यह भी कई जगह से दरार दे गया है। जगह के अभाव में इनके सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यह जर्जर भवन कभी भी ढह सकता है। जर्जर आवासीय भवनों में रहने वाले कर्मियों ने बताया कि हमेशा सिर पर खतरा मड़राता रहता है। बारिश में छतें टपकती है और कमरे तालाब बन जाते हैं। कई कर्मियों ने भवनों की खस्ता हालत देख कर बाहर किराए पर मकान ले रखे हैं। अवर अभियंता रवींद्र कुमार साहू ने बताया कि जर्जर आवासीय भवनों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। बजट मिलने पर नए भवनों का निर्माण शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सब डिवीजन कार्यालय भवन की स्वीकृति मिली है। इसका निर्माण पुराने कार्यालय के भवन को जमींदोज कराकर कराया जाएगा। आवासों का निर्माण कब होगा इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।