बाढ़ के खतरे में 25 हजार जिंदगियां
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : यमुना तट पर बसे तकरीबन डेढ़ दर्जन मजरों पर एक बार फिर बाढ़
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : यमुना तट पर बसे तकरीबन डेढ़ दर्जन मजरों पर एक बार फिर बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। इन मजरों की आबादी तकरीबन 25 हजार है। बारिश के बाद जब-जब यमुना का लेवल बढ़ता है यहां के लोगों की धड़कनें बढ़ जाती हैं। स्थानीय लोगों ने कई पार जिला प्रशासन से लेकर नेताओं से गुहार लगाई लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वो भी तब जब बीती 11 फरवरी को डिप्टी सीएम हमीरपुर आए थे और कटान रोकने के लिए पी¨चग कराने का भरोसा दिला गए थे।
शहर से लगे हुए मेरापुर, भिलांवा व रमेड़ी डांडा कुछ समय पहले तक ग्राम पंचायत में थे। अब इन्हें पालिका में शामिल कर लिया गया है। इसके अंतर्गत तकरीबन डेढ़ दर्जन मजरे आते हैं जो आज भी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के महीनों में होती है। बाढ़ आने से यमुना तट पर बसे इन मजरों में कटान शुरू हो जाता है। इससे बचने के लिए स्थानीय लोगों ने यमुना में पि¨चग बनाओ आंदोलन चलाने को संगठन भी बनाया है। इस संगठन के लोग दस वर्षों से मांग कर रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
बाढ़ से प्रभावित स्थान
यमुना नदी के किनारे बसे मेरापुर, भिलांवा, डिग्गी, केसरिया का डेरा, चूरामन का डेरा, भोला का डेरा, जड़इली मड़इया सहित अन्य छोटे-छोटे मजरे शामिल हैं।