जैविक खेती के मॉडल के रूप में विकसित हों 14 गांव
कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की वैज्ञानिक तकनीकी समीक्षा बैठक का आयोजन जूम एप
संवाद सूत्र, कुरारा : कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की वैज्ञानिक तकनीकी समीक्षा बैठक हुई। बैठक का आयोजन जूम एप के माध्यम से किया गया। यहां बांदा के कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि कुलपति डॉ. यूएस गौतम ने कहा, जनपद के 14 गांवों को जैविक खेती के मॉडल के रूप में विकसित किए जाएं।
अटारी निदेशक से प्रजनक बीज उपलब्धता के बारे में मांग रखी। कहा, केवीके में बीज विक्रय सेंटर अनिवार्य रूप से खोला जाएं। बेरोजगार युवकों व युवतियों को रोजगार स्थापित करने के लिए भी चर्चा हुई।
बुंदेलखंड में पानी की कमी को देखते हुए उन्होंने स्प्रिंकलर सिचाई को अपनाने के लिए कहा। हर हाल में कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर मॉडल की तौर पर विकसित होना चाहिए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी निदेशक डॉ. अतर सिंह ने सुझाव दिया कि जनपद में जो भी नवाचार हुआ है उन किसानों की सक्सेस स्टोरी बनाएं और चयनित गांव को स्मार्ट गांव बनाने के लिए कहा। वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के बारे में भी चर्चा की। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शांतनु कुमार दुबे ने कृषि विज्ञान केंद्र को 1000 क्विंटल बीज उत्पादित करने के साथ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कहा। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राघवेंद्र सिंह ने गोबर से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने को कहा। प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर साधना पांडे ने पोषकतत्व को ख्याल रखते हुए गृह वाटिका में उचित मार्गदर्शन दिया। इस तकनीकी समीक्षा बैठक में उप कृषि निदेशक जितेंद्र मोहन श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी डॉ सरस तिवारी जिला, उद्यान अधिकारी उमेश उत्तम ने केवीके विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ एसपी सोनकर, डॉक्टर शालिनी, डॉ फूलकुमारी के अलावा प्रगतिशील कृषक सतीश पालीवाल, केशव मिश्रा, संतराम कुशवाहा, रघुवीर सिंह, राम रतन प्रजापति मौजूद रहे।