गोरखपुर में 39 दिनों बाद खुला चिडिय़ाघर, पटौदी व मैलानी का कर सकेंगे दीदार Gorakhpur News
चिडिय़ाघर आने वालों के लिए पुराने दर पर ही टिकट लेना होगा। बड़ों के लिए टिकट की कीमत 50 रुपये और किशोरों और बालकों के लिए 25 रुपये निर्धारित किया गया है। छह वर्ष तक के बचों का प्रवेश निश्शुल्क रहेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कारोना कर्फ्यू खत्म करने के शासन के फैसले के बाद बुधवार से शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (प्राणि उद्यान) में एक बार फिर रौनक लौट आया। कोरोना कर्फ्यू लागू होने के बाद से ही चिडिय़ाघर को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था। बुधवार से दर्शकों ने बब्बर शेर पटौदी और शेरनी मैलानी का दीदार किया। कोविड - 19 गाइड लाइन के साथ सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चिडिय़ाघर खोला जाएगा। वन्यजीवों को देखने आने वालों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना और शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
प्राणि उद्यान के निदेशक डा. एच राजामोहन और पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह ने चिडिय़ाघर और राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ बुधवार को बैठक की। इस दौरान चिडिय़ाघर को खोलने और पर्यटकों से कोविड - 19 प्रोटोकाल का पालन कराने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इससे पहले चिडिय़ाघर परिसर की साफ-सफाई कराई गई तथा पूरे परिसर को सैनिटाइज भी कराया गया।
पुराने दर पर मिलेंगे टिकट
चिडिय़ाघर आने वालों के लिए पुराने दर पर ही टिकट लेना होगा। बड़ों के लिए टिकट की कीमत 50 रुपये और किशोरों और बालकों के लिए 25 रुपये निर्धारित किया गया है। छह वर्ष तक के ब'चों का प्रवेश निश्शुल्क रहेगा। बिना मास्क लगाए किसी को भी चिडिय़ाघर परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
खरगोश के बाड़े में होगा सेही का दीदार
कोरोना कर्फ्यू के दौरान चिडिय़ाघर परिसर में पसरे सन्नाटे के बीच सेही ने अपने बाड़े में चार फिट गहरी सुरंग बना ली थी। पिछले दिनों हुई बारिश में पानी भरने की वजह से सुरंग गिर गई। तब जाकर चिडिय़ाघर के अधिकारियों को इसका पता चला। पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में सेही को उनके बाड़े से निकालकर फिलहाल खाली पड़े खरगोश के बाड़े में रखा गया। अभी उन्हें वहीं रखा गया है। पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि चिडिय़ाघर पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार है। पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से परिसर में हरियाली बढ़ जाने से पर्यटकों को अलग तरह की अनुभूति होगी।