गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले में छेड़खानी के एक मामले में एक युवक को चार साल की सजा सुनाई गई है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यह सजा घटना के चार माह पूरा होते ही सुनाई गई है।
कुशीनगर जिले के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट शिव शंकर प्रसाद की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपित को दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, अर्थदंड जमा न करने पर उसे ढा़ई माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
न्यायालय में अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ऐनुद्दीन सिद्दीकी का कथन था कि वादी ने इसी साल 22 अगस्त को हाटा कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर सूचना दी कि उसकी दस वर्षीय नाबालिग लड़की 17 अगस्त को अपने मामा के साथ ननिहाल गई थी। 19 अगस्त को वह दोपहर में घर मे अकेली थी। उसे देख दिलीप निवासी दुबौली कउटार थाना कोतवाली हाटा, जिला कुशीनगर घर में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। नाबालिग के शोर मचाने पर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए, जिन्हें आता देख आरोपित मौके से भागने लगा। ग्रामीणों ने उसे दौड़ा लिया और उसे पकड़ लिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर बाद विवेचना आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। प्रस्तुत पत्रावलियों, सबूतों तथा उभयपक्षों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित को छेड़खानी का दोषी पाया। दुष्कर्म के प्रयास का आरोप गलत पाया गया। जिसे देखते हुए विद्वान न्यायाधीश ने आरोपित को दुष्कर्म के प्रयास से दोषमुक्त करते हुए छेड़खानी का दोषी करार दिया और उक्त सजा सुनाई।
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