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गोरखपुर में इतिहास रचने की तैयारी में योगी आद‍ित्‍यनाथ की हिन्‍दू युवा वाहिनी, योद्धाओं ने संभाली कमान

हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की अप्रैल 2002 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद लोगों न्याय दिलाने के लिए की थी। योगी के सीएम बनने के बाद वाह‍िनी के काम का स्‍वरूप बदल गया था। योगी के अब स्‍वयं मैदान में उतरने से वाह‍िनी के कार्यकर्ता उत्‍साह‍ित हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:05 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:12 AM (IST)
गोरखपुर में इतिहास रचने की तैयारी में योगी आद‍ित्‍यनाथ की हिन्‍दू युवा वाहिनी, योद्धाओं ने संभाली कमान
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ। - फाइल फोटो

गोरखपुर, डा. राकेश राय। नगर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अगर कोई सर्वाधिक उत्साहित है तो वह हैं हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता। लंबे समय बाद उन्हें सीधे तौर पर अपने संगठन के संरक्षक के लिए कुछ कर दिखाने का मौका जो मिला है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन्होंने योगी को रिकार्ड मतों से जिताकर इतिहास रचने के लिए कमर कस ली है। वाहिनी के कार्यकर्ता ऐसा केवल उत्साहवश ही नहीं कर रहे बल्कि इसे अपनी जिम्मेदारी भी समझ रहे हैं। इसकी वजह है कि उनके संगठन की स्थापना खुद योगी आदित्यनाथ ने की है।

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रिकार्ड मतों से योगी को विधायक बनाने के लिए कार्यकर्ताओं ने कसी कमर

हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की अप्रैल 2002 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद लोगों न्याय दिलाने के लिए की थी। शुरुआत में इसका गठन महानगर और जिले स्तर पर किया लेकिन योगी की वजह से संगठन की लोकप्रियता इस कदर बढ़ी कि इसका दायरा पहले पूर्वांचल और फिर प्रदेश स्तर तक बढ़ गया। सैकड़ों से बढ़कर संगठन के कार्यकर्ताओं की संख्या हजारों तक पहुंच गई। 2017 तक तो योगी ने अपने इस संगठन का इस्तेमाल लोगों को सरकार से उनका अधिकार और न्याय दिलाने के लिए किया लेकिन जैसे ही उन्होंने प्रदेश की कमान संभाली संगठन का लक्ष्य बदल गया। संगठन के कार्यकर्ता बदली परिस्थितियों में सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में जुट गए। इसे लेकर समय-समय पर उन्हें योगी का मार्गदर्शन भी प्राप्त होता रहा। यह सिलसिला पूरे पांच वर्ष चला।

बदली भूम‍िका में आए वाह‍िनी के कार्यकर्ता

पांच वर्ष बाद उनका दायित्व एक बार फिर बदला है। उन्हें अपने संरक्षक को विधायक बनाने की जिम्मेदारी मिली है। लोकसभा चुनाव में तो वह कई बार योगी के लिए अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में इसका मौका उन्हें पहली बार मिला है, जिसमें खुद को साबित करने के लिए हर कार्यकर्ता पूरे रौ में है। वाहिनी के प्रदेश महामंत्री ई. पीके मल्ल ने बताया कि काेविड प्रोटोकाल के साथ चुनाव प्रचार के लिए कार्यकर्ताओं को सहेजा जा रहा है।

वाहिनी ने भी बनाया आइटी सेल, गठित हुई इंटरनेट मीडिया टीम

चूंकि चुनाव प्रचार कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ करना है, इसलिए हमेशा आफलाइन कार्य करने वाले हिंदू युवा वाहिनी भी अब आनलाइन होती दिखनी लगी है। वाहिनी की महानगर टीम ने इसके लिए साइबर योद्धाओं की टीम तैयार की है। महानगर स्तर पर आइटी सेल का गठन किया गया है। साथ इंटरनेट मीडिया से लोगों के बीच पहुंचने की इंटरनेट मीडिया टीम भी गठित की गई है। वाहिनी के महानगर संयोजक ऋषि मोहन वर्मा ने बताया कि आइटी और इंटरनेट मीडिया से संगठन के उन युवाओं को जोड़ा जा रहा है, जो तकनीकी रूप से दक्ष हैं।

आइटी सेल चुनाव प्रचार के लिए सामग्री तैयार करेगा तो इंटरनेट मीडिया सेल की जिम्मेदारी वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्युटर के जरिए उसे प्रचारित करने की होगी। महानगर अध्यक्ष रणंजय सिंह जुगनू ने बताया कि दोनों सेल से अब तक एक दर्जन युवाओं को जोड़ा जा चुका है। प्रचार के लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाए जा रहे हैं। वाहिनी का फेसबुक पेज, ट्युटर व इंस्टाग्राम पहले से बना हुआ है, जिसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया गया है।


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