विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन का जन आहार बंद, 30 रुपये में मिलता था भरपेट भोजन Gorakhpur News
इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कार्पोरेशन के साथ जन आहार को संचालित करने वाली निजी फर्म का करार समाप्त होने के बाद गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जन आहार केंद्र बंद हो गया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर रेलवे स्टेशन का जन आहार एकबार फिर बंद हो गया। इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के साथ जन आहार को संचालित करने वाली निजी फर्म का करार समाप्त होने के बाद ताला लटक गया। यात्री निराश हो वापस लौटने लगे।
30 में भोजन, 15 रुपये में मिलता था नाश्ता
सूत्रों का कहना है कि घाटा के चलते निजी फर्म ने जन आहार को संचालित करने के लिए करार नहीं बढ़ाया है। ऐसे में आइआरसीटीसी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आइआरसीटीसी को कोई नई फर्म नहीं मिल रही, जो जन आहार को चला सके। यह तब है जब जन आहार में रोजाना औसत 700 से 800 यात्री नाश्ता और भोजन करते थे। यात्रियों को 30 से 40 रुपये में भरपेट भोजन और 15 से 20 रुपये में नाश्ता मिल जाता था। अब यात्रियों को नाश्ता व भोजन के लिए प्लेटफार्म नंबर एक स्थित फूड प्लाजा या प्रथम श्रेणी गेट के सामने फास्ट फूड यूनिट पर जाना होगा।
प्रतिदिन आते हैं 60 हजार यात्री
गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर दस प्लेटफार्म हैं और यहां से रोजाना औसत 60 हजार लोग आवागमन करते हैं। प्लेटफार्म एक और दो को मिलाकर विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म 1366.44 मीटर है। इसके बाद भी खानपान की व्यवस्था बदहाल है।
अधर में फूड प्लाजा का निर्माण
रेलवे स्टेशन परिसर में फस्र्ट क्लास गेट के सामने आइआरसीटीसी का फूड प्लाजा बनना है। रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति भी दे दी है, लेकिन अभी तक मामला लटका पड़ा है। अपूर्वा भवन ध्वस्त होने के बाद भी फूड प्लाजा के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। हालांकि, प्लेटफार्म नंबर नौ पर एक फूड प्लाजा बनना है लेकिन निर्माण में तेजी नहीं आ पा रही।