मजबूरियां खींच लाई थीं, जरूरतें बुला रहीं वापस Gorakhpur News
लॉकडाउन में दिल्ली से घर लौटे बस्ती जनपद के सदर ब्लाक के जगिराम बताते हैं कि पेट तो किसी तरह भर जा रहा लेकिन आगे की समस्या दूर नहीं हो पा रही है पुन परदेस जाना पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में मजबूरी जिन कामगारों को अपने गांव-घर खींच लाई थी, अब घर में खड़ी हुईं जरूरतें उनको वापस बुला रही हैं। ऐसे में मुंबई, दिल्ली समेत अन्य शहरों की ओर उनके कदम वापस चल पड़े हैं। रेलवे स्टेशनों पर परदेस जाने वाले कामगारों की उमड़ी भीड़ इस बात की गवाही दे रही है। हालत यह है कि अगले डेढ़ माह तक कई ट्रेनों में 'नो रूम है। यह हाल बस्ती जनपद के लोगों की है।
मुंबई जाने वाली अप (01016) स्पेशल कुशीनगर एक्सप्रेस, (02541) स्पेशल गोरखपुर एलटीटी सुपरफास्ट, (09038) बांद्रा के सभी कोच फुल हो गए हैं। चार सितंबर तक सीट खाली नहीं है। यही हाल दिल्ली जाने वाली अप (02553) वैशाली एक्सप्रेस, (02555) गोरखपुर एक्सप्रेस, (05273) सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेनों में है। चार अगस्त तक सीट नहीं है। मुंबई व दिल्ली जाने वाले अधिकतर लोग प्रवासी कामगार ही हैं।
बोले प्रवासी कामगार
लॉकडाउन में दिल्ली से घर लौटे बस्ती जनपद के सदर ब्लाक के जगिराम बताते हैं कि पेट तो किसी तरह भर जा रहा, लेकिन आगे की समस्या दूर नहीं हो पा रही है, इसलिए पुन: परदेश जाना पड़ रहा है। दुबौलिया के प्रकाश बोले, समस्या हुई तो मुंबई से घर आ गए थे, अब यहां पैसे की समस्या खड़ी हो गई है, इसलिए वापस जाना पड़ा। साऊंघाट के मुनीर ने बताया परिवार चलाना मुश्किल हो गया था। मजबूर होकर मुंबई जाना पड़ रहा है। रुधौली के राम सिंह बताते हैं कि तीन माह में आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है, रोजगार के लिए मुंबई जा रहे हैं।
स्टेशन पर सैनिटाइजेशन की सुविधा
बस्ती रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक विश्वंभर चौधरी का कहना है कि जिन यात्रियों का टिकट कंफर्म है, उन्हें ही जांच के बाद स्टेशन के अंदर प्रवेश कराया जा रहा है। मास्क अनिवार्य किया गया है। स्टेशन पर सैनिटाइजेशन की सुविधा है। शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर यात्रियों को सीट पर बैठाया जाता है।