बिजली अफसरों-कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार शुरू, संविदाकर्मियों ने संभाली कमान
बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारी कर ली है। उपकेंद्रों पर संविदाकर्मियों को व्यवस्था की कमान सौंपी गई है। उधर मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने बिजलीकर्मी धरना दे रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ बिजली निगम के अफसरों व कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गया है। विरोध स्वरूप बिजली निगम के अफसरों ने अपने सीयूजी मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं। मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने बिजलीकर्मी धरना दे रहे हैं।
सभी उपकेंद्रों पर संविदाकर्मी तैनात
बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारी कर ली है। उपकेंद्रों पर संविदाकर्मियों को व्यवस्था की कमान सौंपी गई है। हालांकि बिजलीकर्मियों ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि कार्य बहिष्कार के दौरान आपातकालीन सेवाओं में शामिल अस्पताल, रेलवे, जलकल आदि की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी आने पर वह इसे ठीक करेंगे।
कार्यालयों पर लटका है ताला
कार्य बहिष्कार के कारण बिजली निगम के कार्यालयों पर ताला लटका हुआ है। बिल काउंटर भी बंद हैं। अफसरों के कार्यालयों में न बैठने के कारण बिल सुधार और बिजली से जुड़ी उपभोक्ताओं की अन्य समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के दिए हैं निर्देश
बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए प्रशासन ने सभी प्रमुख संस्थानों और उद्योगों को जेनरेटर की व्यवस्था ठीक रखने को कहा है। सैनिक कल्याण निगम, लोक निर्माण विभाग, रेलवे आदि में बिजली व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों, आइटीआइ व पालीटेक्निक के प्रशिक्षित छात्रों को व्यवस्था में मदद के लिए तैयार रहने को कहा गया है। निगम के स्टोर की व्यवस्था की निगरानी मजिस्ट्रेट करेंगे।
यह है स्थिति
जिले में उपकेंद्रों की संख्या 76 है। जिले में प्रतिदिन तीन करोड़ रुपये की राजस्व वसूली होती है। शहर में कुल काउंटरों की संख्या 28 है। जबकि जिले में कुल काउंटरों की संख्या 200 है। जिले में उपभोक्ताओं की संख्या नौ लाख है। वितरण खंड दस है और उप खंड वितरण की संख्या 25 है।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक प्रस्तावित
बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि निजीकरण के मुद्दे पर सोमवार दोपहर बाद संगठन के केंद्रीय पदाधिकारियों व मुख्यमंत्री के बीच वार्ता प्रस्तावित है। कार्य बहिष्कार को लेकर आगे की रणनीति इस बैठक पर निर्भर करेगी।