Coronavirus lockdown: लॉकडाउन में फरमाइशें पूरी करते-करते बन गईं किचन क्वीन Gorakhpur News
Coronavirus lockdown ऐसा मौका है जब पूरा परिवार एक साथ है। उनके बीच हंसते-बोलते समय कैसे गुजर गया पता भी नहीं चला। इस दौरान गृृृृृृृृृृहणियोंको कई नई चीजें सीखने को मिलीं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन को एक महीना बीत चुका है। ये एक माह गृहणियों के लिए यादगार बन गए हैं। यह ऐसा मौका है जब पूरा परिवार एक साथ है। उनके बीच हंसते-बोलते समय कैसे गुजर गया, पता भी नहीं चला। इस दौरान उन्हें कई नई चीजें सीखने को मिलीं।
किचन में बीत रहा है अधिकांश समय
लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से थोड़ी राहत जरूर है लेकिन बच्चों सहित परिवार के अन्य सदस्यों की फरमाइशें दिनभर लगी रहती हैं। सामान्य दिनों में खाने की जो चीजें बाहर से लाई जाती हैं, उन्हें भी घर पर ही तैयार किया गया। महिलाओं ने कई चीजें बनाने के लिए नई रेसिपी भी सीखी। मस्ती में डूबे बच्चों को पठन-पाठन से जोड़े रखने की जिम्मेदारी भी गृहणियों ने बखूबी निभाई।
गृहणियों की जुबानी
लॉकडाउन को एक महीना बीत गया, इस बात का पता ही नहीं चला। पूरा परिवार घर पर है, खाना बनाते, खिलाते और बातें करते समय गुजर रहा है। - पुनीता राय, रेल विहार फेज एक
इस महामारी के वक्त लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। बच्चों की छुट्टी है और वे घर पर ही रह रहे हैं। उनके साथ अच्छे से समय बीत रहा है। - अन्नपूर्णा मिश्रा, सिंघडिय़ा
लॉकडाउन में स्कूल बंद है। परिवार में जो लोग बाहर रहते थे, वे भी लॉकडाउन से पहले ही घर पहुंच गए थे। बच्चे को पढ़ाती भी हूं और बाहर न निकलने को प्रेरित करती हूं। - रीना, चरगांवा
लॉकडाउन को एक महीने कैसे बीते, पता ही नहीं चला। नई-नई चीजें बनाना और खिलाना रोज का काम बन चुका है। - नयनतारा सिंह, नंदानगर