एनीमिया से पीड़ित हैं यहां पर महिलाएं, कारण जानकर हैरान होंगे आप Gorakhpur News
आधी आबादी रक्त अल्पता (एनीमिया) से जूझ रही है। खानपान में लापरवाही और पौष्टिक भोजन की कमी के चलते महिलाएं और किशोरियों की समस्या का कोई समाधान नहीं है। संबंधित विभागों द्वारा जागरूकता के लिए कोई कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले में आधी आबादी रक्त अल्पता (एनीमिया) से जूझ रही है। खानपान में लापरवाही और पौष्टिक भोजन की कमी के चलते महिलाएं और किशोरियों की समस्या का कोई समाधान नहीं है। संबंधित विभागों द्वारा जागरूकता के लिए कोई कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है, जिसके चलते समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
महिलाओं की आबादी 1.75 लाख से अधिक
ब्लाक क्षेत्र में महिलाओं की आबादी 1.75 लाख से अधिक है। इनके इलाज का कोई माकूल इंतजाम नहीं है, जिसके चलते महिलाओं को उचित परामर्श भी नहीं मिल पाता। पूरा घर संभालने वाली महिलाएं खुद की सेहत पर ध्यान नहीं देती, जिसके चलते तमाम बीमारियों के गिरफ्त में पहुंच जाती हैं। सर्वाधिक समस्या प्रसव के दौरान होती है, जब खून की कमी के चलते कइयों की मौत तक हो जाती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. रूबी खान कहती हैं कि ब्लाक क्षेत्र की 90 फीसद महिलाएं माइल्ड एनीमिया से ग्रसित हैं। अगर खान पान पर ध्यान देने के साथ साथ आयरन की गोलियां ली जाएं तो इस स्तर से बचाव हो सकता है। वहीं अगर चार ग्राम से कम खून है तो यह सीजर एनीमिया के दायरे में आता है, जिससे बचाव मुश्किल है। महिलाओं और किशोरियों को अपनी सेहत पर ध्यान देते हुए नियमित चेकअप कराते रहना चाहिए।
ऐसे रखें सेहत का ख्याल
डा. जाबिर ने बताया खून की कमी की स्थिति से बचने के लिए भोजन में चोकरयुक्त आटा, मूंग और मसूर की दाल, सोयाबीन, राजमा, पालक, मेथी और सरसों के साग, मेवे, फल आदि का सेवन करना चाहिए। अंकुरित दालें और हरी पत्तेदार सब्जिया लौह तत्व के अच्छे स्रोत हैं। मांसाहारी लोग रेड मीट, चिकन और मछली का सेवन कर खून की कमी को पूरा कर सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि भोजन में आयरन के साथ विटामिन सी भी जरूरी है। यह शरीर में आयरन के शोषण में मदद करता है।