गोरखपुर की महिलाएं चीन के विकल्प के रूप में तैयार कर रहीं राखियां Gorakhpur News
वे रक्षा सूत्र रेशम के धागे रुद्राक्ष मोती आदि से राखी तैयार कर रही हैं। यह काम संचालक मीनाक्षी राय की देखरेख में हो रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आ चुका है। हर बार चीन से आने वाली राखियों का बोलबाला रहता था लेकिन इस बार स्थानीय स्तर पर भी निर्माण किया जा रहा है। आठ महिलाएं पिछले 13 दिनों से राखी बनाने के काम मे जुटी हैं और अबतक तीन हजार से अधिक राखियां बना चुकी हैं। चीन की राखियों की तुलना में लोग इसे खूब पसन्द कर रहे हैं। एडवांस ऑर्डर भी मिल रहे हैं।
उद्योग भवन में करीब 13 दिनों से चल रहा राखी बनाने का काम
इंडस्ट्रियल एस्टेट में उद्यमियों के संगठन चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की ओर से महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। चैंबर की ओर से सिलाई मशीनें भी मुहैया कराई गई हैं। महिलाएं यहां मास्क, हेड कवर, बनियान, कुर्ता, शर्ट, पैंट आदि बनाती हैं।
बाजार में बिक रहे महिलाओं के बनाए मास्क
समूह की महिलाओं की तरफ से निर्मित मॉस्क सबसे पहले बाजार में बिकने के लिए आया। इनके द्वारा तैयार मॉस्क लोगों ने खूब पसंद किया। मॉस्क की मांग भी बढती गई। इससे उत्साहित महिलाओं ने पूरी मेहनत और लगन से काम किया। महिलाओं को इससे बेहतर आय भी हुआ।
समूह से जुड़ी हैं तीस से अधिक महिलाएं
रक्षाबंधन को देखते हुए चीन की राखियों के विकल्प के तौर पर राखी बनाने का काम शुरू हुआ। इस समूह से 30 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण करीब आठ महिलाएं ही आ रही हैं। वे रक्षा सूत्र, रेशम के धागे, रुद्राक्ष, मोती आदि से राखी तैयार कर रही हैं। यह काम संचालक मीनाक्षी राय की देखरेख में हो रहा है।
मिल रहा एडवांस आर्डर
इस संबंध में संचालक मीनाक्षी राय का कहना है कि इस बार राखी बनाने का निर्णय किया गया। महिलाएं बहुत अच्छी राखी बना रही हैं और लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं। एडवांस ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं। इससे महिलाओं को आमदनी भी हो रही है। रक्षाबंधन से पहले तक राखी तैयार करने का सिलसिला जारी रहेगा।