राह चलते डरातीं, घूरती निगाहें : देश में हो रही घटनाओं से सहमी आधी आबादी Gorakhpur News
हाल के दिनों में जनपद में दुष्कर्म छेड़खानी और महिलाओं से जुड़े अपराध के आंकड़े भी गवाही दे रहे हैं कि घर से बाहर बेटियों की सुरक्षा पुलिस ही नहीं समाज के लिए भी बड़ी चुनौती है।
गोरखपुर, जेएनएन। तिवारीपुर इलाके की रहने वाली इंटर की छात्रा मोहद्दीपुर क्षेत्र के एक कोचिंग सेंटर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करती है। सुबह वह घर से विद्यालय के लिए निकलती है, फिर कोचिंग और वहां से वापस घर। शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक गुजरते समय रास्ते में कई जगह उसे फब्तियां मिलती हैं तो किसी की घूरती निगाहें भयभीत करती हैं। वह कहती है कि देश में हो रहे अपराधों के बारे में सुनने मात्र से रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसे माहौल में घर से निकलने के बाद डर तो लगता ही है।
इस छात्रा का डर निराधार नहीं है। हाल के दिनों में जनपद में दुष्कर्म, छेड़खानी और महिलाओं से जुड़े अपराध के आंकड़े भी गवाही दे रहे हैं कि घर से बाहर बेटियों की सुरक्षा पुलिस ही नहीं समाज के लिए भी बड़ी चुनौती है। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या तथा उन्नाव कांड ने बेटियों की सुरक्षा के सवाल को और मजबूती दी है।
कुछ कहते हैं आंकड़े
इस साल गोरखपुर में 11 माह में दर्ज हुए दुष्कर्म के 67 मामले । 32 मुकदमों (दुष्कर्म के मामले में) की विवेचना पूरी नहीं। इस साल 11 माह में छेड़खानी और शीलभंग की 220 घटनाएं दर्ज हुईं। इसमें 120 मुकदमों (छेड़खानी व शीलभंग) में विवेचना लंबित। 11 महिलाओं ने दर्ज कराया फब्ती कसने का मुकदमा।
पुलिस की कोशिश का असर
पुलिस की पैरवी की वजह से दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के मुकदमे में इस साल कई आरोपितों को सजा मिल चुकी है। बीते पांच नवंबर को ही अदालत ने खोराबार क्षेत्र के आजम को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। एक महिला ने सात दिसंबर 2013 को आजम के विरुद्ध नाबालिग से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था।
हाल के दिनों में छेड़खानी की घटनाएं
नौ दिसंबर को कैंपियरगंज व झगहा क्षेत्र में छेड़खानी, सात दिसंबर को गुलरिहा इलाके में छात्रा से छेड़खानी, विरोध पर भाई को पीटा। छह दिसंबर को सहजनवां इलाके में किशोरी से छेड़छाड़। चार दिसंबर को पिपराइच इलाके में युवती से छेड़खानी। एक दिसंबर को कैंपियरगंज इलाके में किशोरी से छेड़खानी।
हो रही नियमित समीक्षा
इस संबंध में एसएसपी डा. सुनील गुप्ता का कहना है कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की नियमित समीक्षा की जा रही है। आरोपितों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में विशेष पैरवी भी हो रही है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।