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गोरखपुर में महिला ग्राम प्रधान पर उम्र छिपाने का आरोप, कोर्ट करेगा निर्णय Gorakhpur News

प्रभा देवी ने मंडलायुक्त जिलाधिकारी राज्य निर्वाचन अधिकारी आयोग गगहा थाना सहित अन्य विभागों को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि निर्वाचित प्रधान अपनी उम्र छिपाकर चुनाव लड़ी हैं। हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के अनुसार निर्वाचित ग्राम प्रधान की जन्म तिथि 30 जुलाई 2002 है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 12:48 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 12:48 PM (IST)
गोरखपुर में महिला ग्राम प्रधान पर उम्र छिपाने का आरोप, कोर्ट करेगा निर्णय Gorakhpur News
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। गगहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत उज्जरपार निवासिनी प्रभा देवी ने निर्वाचित ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि वह तथ्य छिपाकर चुनाव लड़ी हैं। चुनाव के दौरान उनकी आयु पात्र प्रत्याशी से कम थी। महिला ग्राम प्रधान की उम्र का मामला अब कोर्ट और चुनाव आयोग के अधीन है, ऐसे में अब वहीं से निर्णय होगा कि महिला की हाईस्‍कूल प्रमाण पत्र में दर्ज उम्र असली माना जाए या फिर वोटरलिस्‍ट में दर्ज उम्र ही सही है। जो भी हो निर्णय अब कोर्ट के हवाले है।

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चुनाव लड़ने की उम्र 21 वर्ष से ऊपर

प्रभा देवी ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, राज्य निर्वाचन अधिकारी आयोग, गगहा थाना सहित अन्य विभागों को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि निर्वाचित प्रधान अपनी उम्र छिपाकर चुनाव लड़ी हैं। हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के अनुसार निर्वाचित ग्राम प्रधान की जन्म तिथि 30 जुलाई 2002 है। इसके हिसाब से उनकी आयु 18 वर्ष आठ माह 5 दिन हो रही है। जबकि ग्राम प्रधान के लिए व्यक्ति की आयु न्यूनतम 21 वर्ष होनी चाहिए। प्रभा देवी ने अधिकारियों को पत्र भेजकर चुनाव रद्द कर समुचित कार्रवाई करने की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक गगहा अमित दुबे ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जांच कर उचित कदम उठाया जाएगा।

कोर्ट में दे सकते हैं साक्ष्य

उज्जरपार प्रधान प्रतिनिधि दिनेश यादव का कहना है कि यह सब चुनावी रंजिश के तहत अफवाह फैलाई जा रही है। कोई भी साक्ष्य मांगने पर वह कोर्ट में उपलब्ध करा सकते हैं। गगहा के एडीओ पंचायत अशोक सिंह का कहना है कि आयु के लिए ग्राम प्रधान की ओर से वोटर लिस्ट में अंकित आयु प्रमाण के लिए लगाई गई थी। जांच के दौरान उसे सत्य भी पाया गया था। अब दूसरा पक्ष हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के आधार पर दावा कर रहा है। मामला कोर्ट व चुनाव आयोग के अधीन है। इसका निर्णय वहीं से होगा।


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