यूपी चुनाव 2022 : चाय की चुस्की के साथ सभी बना रहे अपनी सरकार
विधानसभा चुनाव में अभी कई दलों ने सिद्धार्थनगर जिले में प्रत्याशी को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन अघोषित लड़ाकों और उनकी पार्टियों का वजन चाय की दुकानों पर तौला जाने लगा है। इन दिनों चाय की चुस्की लेते हुए चुनावी चर्चा में हर नागरिक व्यस्त दिखाई देता है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव में अभी कई दलों ने सिद्धार्थनगर जिले में प्रत्याशी को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन अघोषित लड़ाकों और उनकी पार्टियों का वजन चाय की दुकानों पर तौला जाने लगा है। इन दिनों चाय की चुस्की लेते हुए चुनावी चर्चा में हर नागरिक व्यस्त दिखाई देता है। कोई सत्ताधारी दल के विकास कार्यो की तारीफ करता है तो कोई महंगाई, बेरोजगारी का हवाला देकर इनकी नाकामी गिनाते मिल रहा है।
चाय की दुकानों पर राजनीति की चर्चा सरगर्म
ग्रामीण क्षेत्र के होटलों पर चाय की चुस्कियों के साथ राजनीति की बात जोरों पर है। दूरदराज के लोग राजनीति का माहौल जानने के लिए आस-पास के होटलों में सुबह होते ही पहुंच जाते हैं। और देर शाम तक चुनाव पर चर्चाएं होती रहती है। एक जत्था जाता है तो दूसरा जत्था पहुंच जाता है। इसमें लोग अपनी-अपनी सरकारें बनाने का दावा करते हैं। साथ ही साथ अपने चहेते नेताओं को विधायक बनाने की बात करते हैं।
प्रत्याशी समर्थक कर रहे अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील
प्रत्याशी समर्थक भी होटलों पर लोगों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील करते नजर आ जाते हैं। क्योंकि चौराहों के होटलों पर एक साथ काफी लोग मिल जाते हैं उन्हें घर-घर दस्तक देने से फुर्सत मिल जाती है। भड़रिया चौराहे की एक चाय की दुकान पर बल्लीराम कहते हैं कि सपा हमेशा किसान, बेरोजगार, नौजवान, शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद रही है। लेकिन पिछली बार गठबंधन करके सब बर्बाद कर बैठे।
अपने-अपने दल के पक्ष में दे रहे तर्क
रामअजोरे मौर्या टोकते हैं कि प्रदेश में इस बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी, क्योंकि इस पार्टी ने सभी वर्ग के लोगों को समान लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। आशीष अग्रहरि कहते हैं कि देश का विकास तो कांग्रेस की सरकार में ही संभव है। इस बार प्रियंका गांधी जरूर कमाल करेंगी। रामबहोरे मौर्या बसपा की सरकार को याद कर कहते हैं कि तब अधिकारियों में कार्रवाई का भय रहता था जो अब नहीं है।