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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अभी करना होगा इंतजार, लंबी है वेटिंग Gorakhpur News

गोरखपुर में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अभी इंतजार करना होगा। यहां आठ हजार लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की लाइन में हैं और प्रतिदिन केवल साठ लाइसेंस बन रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 06:26 PM (IST)
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अभी करना होगा इंतजार, लंबी है वेटिंग Gorakhpur News
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अभी करना होगा इंतजार, लंबी है वेटिंग Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। संभागीय परिवहन विभाग में प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस बनना शुरू हो गया है। आवेदन के लिए विभागीय पोर्टल सारथी भी खुल गया है। लेकिन अभी नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। इसको लेकर प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।वे आवेदन के लिए परेशान हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले से पड़े हुए आवेदनों के निस्तारण में ही महीनों लग जाएंगे। ऐसे में नए आवेदकों का तो नंबर ही नहीं आ पाएगा।

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वेटिंग आठ हजार, प्रतिदिन बन रहे मात्र साठ लाइसेंस

संभागीय परिवहन अधिकारी भीम सेन सिंह के अनुसार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रोजाना अधिकतम 60 लोगों का ही प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस बन रहा है।  प्रतिदिन तीन शिफ्टों में 20-20 अभ्यर्थियों को ही बुलाया जा रहा है। तकि अनावश्यक भीड़ न हो। आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य होने पर अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। उसके बाद ही नए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। विभाग में लॉकडाउन के पहले के आठ हजार से अधिक आवेदनों का प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस बनना है।

निरस्त किए जा चुके हैं पुराने आवेदन

आरटीओ के अनुसार लॉकडाउन के पहले के सभी आवेदन को भी निरस्त कर दिया गया है। निरस्तीकरण का मैसेज अभ्यर्थियों को भेजा जा रहा है। मैसेज के आधार पर अभ्यर्थी टेस्ट की तिथि के लिए दोबारा आवेदन कर रहे हैं। निर्धारित तिथि पर ही उनका टेस्ट लिया जा रहा है। दोबारा आवेदन पर शुल्क नहीं लग रहा है।

लॉकडाउन में भी हो गए हजारों आवेदन

लॉकडाउन के साथ ही शासन ने प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कार्यों पर रोक लगा दी थी लेकिन सारथी पोर्टल बंद नहीं हुआ था। हजारों की संख्या में लोगों ने लॉकडाउन के बाद भी घर बैठे सारथी पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर दिया। जब विभाग को होश आया तो आनन-फानन पोर्टल को भी बंद किया गया। ऐसे में आवेदनों की संख्या 8 हजार से अधिक हो गई।


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