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क्यों हो रहे हादसे, वजह बताएगा सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय का यह एप Gorakhpur News

सड़क हादसों पर नियंत्रण लगाने के लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने आईराड एप विकसित किया है। इस एप में हादसे का कारण स्थान घायल वाहन चालक सहित पूरा विवरण भरा जाएगा। हादसे बाद इसका विवरण पुलिस संभागीय परिवहन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर दिखने लगेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 07:05 AM (IST)
क्यों हो रहे हादसे, वजह बताएगा सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय का यह एप Gorakhpur News
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय का आईराड एप दुर्घटनाओं का कारण बताएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। सड़क हादसे की वजह जानकर उसमें कमी लाने में आईराड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस) मोबाइल एप मददगार साबित होगा। इस एप के जरिये कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। पीपीगंज व गुलरिहा थाने में इस एप का ड्राई रन (बिना हादसे के एप का परीक्षण) भी हो चुका है। पुलिस विभाग अब इसे पूरे जिले में लागू करने जा रहा है।

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सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने विकसित किया एप, दर्ज होगा हादसे का पूरा विवरण

सड़क हादसों पर नियंत्रण लगाने के लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने आईराड एप विकसित किया है। इस एप में हादसे का कारण, स्थान, घायल, वाहन चालक सहित पूरा विवरण भरा जाएगा। हादसे तत्काल बाद इसका पूरा विवरण पुलिस, संभागीय परिवहन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर दिखने लगेगा। संबंधित विभाग की वेबसाइट पर वह समस्या तब तक लगातार दिखेगी, जबकि उसका निस्तारण नहीं हो जाता है। इसमें कहीं सड़क गड़बड़ है तो उसके विभाग में दिखेगा। वाहन चालक ने यातायात नियमों की अनदेखी की है तो यह भी दिखेगा। यहां तक कि दुर्घटना के समय मौसम कैसा था, यह भी दर्ज होगा। समय दिन अथवा रात का था। ताकि डेटाबेस के जरिये लोगों को यह बताया जा सके कि किस समय और किस मौसम में दुर्घटनाएं अधिक होती हैं।

हादसों का कारण पता कर दूर की जाएंगी कमियां, पीपीगंज व गुलरिहा थाने में हुआ ड्राई रन

किस लापरवाही के चलते सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। कारण ज्ञात होने के बाद विभाग इसके निवारण का प्रयास करेगा। हादसों की जानकारी नजदीक के अस्पताल व एंबुलेंस को तत्काल एप के माध्यम से हो जाएगी। ताकि समय पर घायल की समुचित इलाज हो सके। एसपी ट्रैफिक आरएस गौतम ने बताया कि इस एप के रोल आउट मैनेजर रजत नेने द्वारा पुलिस व परिवहन विभाग के लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जिले में अब 34 दुर्घटनाओं की डिटेल इस एप पर फीड की जा चुकी है।

मद्रास में हो चुका है सफल प्रयोग

प्रशिक्षक व रोल आउट मैनेजर रजत नेने ने बताया गया कि करीब डेढ़ वर्षों से मद्रास में इस एप पर काम चल रहा है। इसके जरिये वहां बड़े पैमाने पर हादसों में कमी आई है।


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