जानिए, समय से घर क्यों नहीं पहुंचती डाक, क्या है असली वजह Gorakhpur News
जिम्मेदारी और कार्यक्षेत्र बढऩे की वजह से डाकिए लोगों की डाक समय से नहीं पहुंचा पाते। ऐसे में आए दिन ग्राहकों और उनके बीच विवाद की स्थिति बन जाती है।
गोरखपुर, जेएनएन। कभी लोगों के घर में सदस्य सा सम्मान पाने वाले डाकिए आज अपने विभाग में ही उपेक्षित हैं। रिहायशी क्षेत्र के विस्तार और विभागीय जिम्मेदारियों के बढ़ते बोझ के बीच तेजी से घटती उनकी तादाद इस उपेक्षा और दर्द की वजह है। उपेक्षा का आलम यह है कि तीन दशक से भी अधिक समय से डाकियों की नियुक्तियां ठप पड़ी हैं। इससे गोरखपुर डाकमंडल में उनकी तादाद घटकर एक तिहाई रह गई है। यही वजह है कि लोगों की डाक समय से घर नहीं पहुंच रही।
ये है असली वजह
चिट्ठियां भले ही अतीत का हिस्सा हो गई हैं, लेकिन डाकियों की उपयोगिता पहले की अपेक्षा और बढ़ गई है। डाकियों का बोझ कैसे बढ़ गया? इस सवाल के जवाब की तलाश में तीन वजहें सामने आईं। पहली बढ़ती जनसंख्या के चलते आवासीय क्षेत्र का विस्तार, जिसकी वजह से अघोषित रूप से डाकियों का कार्यक्षेत्र बढ़ गया है। प्रतिस्पर्धा की दौड़ में विभागीय महत्वाकांक्षा का बढऩा दूसरी वजह है, जिसके लिए विभाग ने एमेजॉन, टेलिब्रांड, स्नैपडिल, फ्लिपकार्ट जैसी कई निजी कंपनियों से उनके सामान को गंतव्य तक पहुंचाने का समझौता कर लिया है। आधार कार्ड, एटीएम, चेकबुक, पैनकार्ड आदि पहुंचाने की जिम्मेदारी पहले से है। तीसरी व सबसे महत्वपूर्ण वजह असामयिक निधन, सेवानिवृत्ति और नई नियुक्ति न होने के चलते डाकियों की तादाद का कम होना है। 1986 से अबतक डाकियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।
आए दिन हो रहा विवाद
जिम्मेदारी और कार्यक्षेत्र बढऩे की वजह से डाकिए लोगों की डाक समय से नहीं पहुंचा पाते। ऐसे में आए दिन ग्राहकों और उनके बीच विवाद की स्थिति बन जाती है। कुछ लोग तो डाकघर पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराते हैं। सेवानिवृत्त डाकिया सूरज लाल श्रीवास्तव कहते हैं कि अब तो इज्जत के साथ जिम्मेदारी निभाना भी मुश्किल हो गया है। अमरेश राय बताते हैं कि डाकियों के थैले में पोस्टकार्ड, लिफाफे और अंतरदेशीय की जगह बड़े-बड़े पैकेटों ने ले ली है।
काम के बोझ का हो रहा आकलन
प्रवर अधीक्षक डाक एसएन दुबे ने इस संबंध में कहा कि डाकियों की संख्या लगातार घट रही है और काम का बोझ बढ़ रहा है। काम के बोझ का आकलन कराया जा रहा है, जल्द उसे बांटने की उचित व्यवस्था कर दी जाएगी। नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है।