Manish Murder Case: कहां गए मनीष के कपड़े, जिम्मेदार नहीं दे पा रहे जवाब
मनीष गुप्ता के खून से सने कपड़े सुरक्षित न करने वाले पुलिसकर्मी और डाक्टर भी जांच की जद में आ गए हैं। एसआइटी ने सभी लोगों का बयान दर्ज किए। मनीष के कपड़े गए कहां गए यह सवाल सुनते ही सभी के माथे पर पसीना आ गया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : मनीष गुप्ता के खून से सने कपड़े सुरक्षित न करने वाले पुलिसकर्मी और डाक्टर भी जांच की जद में आ गए हैं। एसआइटी ने इस मामले में सभी लोगों का बयान दर्ज किए। मनीष के कपड़े गए कहां गए, यह सवाल सुनते ही सभी के माथे पर पसीना आ गया। मोर्चरी हाउस के कर्मचारियों की माने तो पोस्टमार्टम के बाद मनीष के कपड़े फेंक दिए गए।
तीन अक्टूबर की रात में एसआइटी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा लिया था कब्जे में
तीन अक्टूबर की रात में एसआइटी ने मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा को कब्जे में लिया था। छानबीन में पता चला कि 27 सितंबर की रात में मनीष गुप्ता ने नीला हाफ टीशर्ट और स्लेटी बारमूडा पहना था। रामगढ़ताल पुलिस जब उन्हें मानसी हास्पिटल और मेडिकल कालेज लेकर पहुंची तो पूरा कपड़ा खून से सना था। अगले दिन मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने पंचनामा भरा और डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई, लेकिन जिम्मेदार सबसे अहम बात मनीष के खून से सने कपड़े को सुरक्षित करना भूल गए। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से इस मामले को उठाया था। एसआइटी की छानबीन में यह बात आई तो जिम्मेदारों से पूछताछ शुरू हुई। सबका बयान भी दर्ज हुआ, लेकिन कपड़े क्या हुए, इसका जवाब नहीं मिला।
मनीष की पत्नी ने भी होटल कर्मचारियों पर लगाया था मिलीभगत का आरोप
मनीष हत्याकांड को लेकर पहले ही दिन से होटल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। घटना के दूसरे दिन होटल में घुसते ही मनीष की पत्नी ने आरोप लगाया था कि जिस होटल में उनके पति की हत्या हुई वहां से साक्ष्य मिटाए गए हैं। उन्होंने कहा था कि पति की मौत के बाद होटल में कहीं पर खून नहीं दिखा था, जबकि खून से सना तौलिया रूम नंबर 512 में बेड के नीचे से बरामद हुआ था।