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जब सेंटर पहले से ही विवादित था तो परीक्षा केंद्र कैसे बन गया Gorakhpur News

एजेंसी ने 14 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया था। परीक्षार्थियों की संख्या भी करीब पांच हजार थी। इतने परीक्षार्थी शहर के प्रमुख विद्यालयों में परीक्षा दे सकते थे। शिक्षा विभाग अधिकारियों के अनुसार ये विद्यालय पहले से ही विवादित रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 01:12 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 01:12 PM (IST)
जब सेंटर पहले से ही विवादित था तो परीक्षा केंद्र कैसे बन गया Gorakhpur News
जिला विद्यालय निरीक्षक डानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। विधानपरिषद सचिवालय में समीक्षा अधिकारी समेत विभिन्‍न पदों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा का पर्चा आउट होने के बाद हंगामा और फिर पेपर निरस्‍त होने की घटना ने पूरी व्‍यवस्‍था पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। गुलरिहा क्षेत्र का ग्राम इस्लामपुर स्थित  गुलाबी देवी इंटर कालेज पहले से विवादित रहा है। 2019 में सिपाही भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी मिलने के बाद अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था और इस केंद्र को ब्लैकलिस्ट करना पड़ा था। परीक्षार्थियों की सीमित संख्या होने के बावजूद शहर से करीब 30 किमी दूर वित्तविहीन विद्यालय को केंद्र बनाने को लेकर परीक्षा आयोजित करा रही दिल्ली की एजेंसी ई परीक्षा सवालों के घेरे में है।

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एजेंसी ने 14 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया था।  परीक्षार्थियों की संख्या भी करीब पांच हजार थी। इतने परीक्षार्थी  शहर के प्रमुख विद्यालयों में परीक्षा दे सकते थे। शिक्षा विभाग अधिकारियों के अनुसार ये विद्यालय पहले से ही विवादित रहा है।  27 जनवरी 2019 को पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान भी इस विद्यालय पर पेपर आउट करने का आरोप लग चुका है। उस दौरान परीक्षार्थियों ने गोरखपुर-महराजगंज मुख्य मार्ग को जाम कर हंगामा किया था। मौके पर पहुंचे तत्कालीन एसएसपी डा. सुनील गुप्ता ने शासन से वार्ता कर परीक्षा निरस्त कराते हुए शाहपुर थाना क्षेत्र के विमल मांटेसरी गल्र्स स्कूल को परीक्षा केंद्र बनवाकर मामले को शांत कराया था। आइटीआइ की प्रवेश परीक्षा में भी परीक्षार्थियों से नकल कराने के लिए प्रधानाचार्य का पैसा लेने का वीडियो वायरल हो चुका है। 

कसी जाएगी नकेल

परीक्षा आयोजित करा रही एजेंसी ने केंद्र निर्धारण से लेकर परीक्षा संपन्न कराने तक के कार्य में प्रशासन को शामिल नहीं किया। सुरक्षा के लिए अपर जिलाधिकारी नगर को पत्र भेजा गया था।  जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया भी परीक्षा केंद्र के निर्धारण को लेकर जांच कराएंगे। जिलाधिकारी ने शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर एक विवादित विद्यालय को केंद्र बनाने पर आश्चर्य जताया। परीक्षा एजेंसी की ओर से प्रशासन का सहयोग नहीं लेने की बात भी कही।


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