Gorakhpur Coronavirus Lockdown : शाबाश ! आपके इसी जज्बे से हारेगा कोरोना Gorakhpur News
Gorakhpur Coronavirus Lockdown लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सावधानी बरत कर कोरोना वायरस को मात दे रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। Gorakhpur Coronavirus Lockdown : कोरोना महामारी से बचाव को लेकर गांव की जनता भी जागरूक हो चुकी है। गोरखपुर जिले के पाली क्षेत्र के बडग़ों गांव में बुधवार की देर रात एक ही समुदाय के पहुंचे लोगों को ग्रामीणों ने गांव में ठहरने से रोक दिया। ग्रामीणों के विरोध के बाद बाहर से आए 15 लोगों को प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन कर दिया गया। यह सभी लोग महराजगंज जिले से आए हैं और कुछ वही के मूल निवासी भी हैं।
ग्रामीणों ने किया विरोध
ग्राम सभा बडग़ों का रहने वाला एक परिवार लॉकडाउन के गत 22 मार्च को महराजगंज जनपद में स्थित अपने रिश्तेदार के घर शादी में शामिल होने गया था। महराजगंज जिले को सील करने की भनक मिलते ही यह लोग अपने और रिश्तेदारों के साथ गांव पहुंच गए। रात को अचानक गांव में बाहर से 15 लोगों की सूचना पर ग्रामीण विरोध पर उतर गए। ग्रामीणों ने किसी को भी आबादी के बीच रहने से मना कर दिया। तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने कहा कि स्कूल में क्वारंटाइन करके स्वास्थ्य टीम भेजकर जांच कराया गया। फिलहाल किसी प्रकार की परेशानी नहीं है।
क्वारंटाइन सेंटर से गांव पहुंचे व्यक्ति को लोगों ने खदेड़ा
गोरखपुर के पीपीगंज क्षेत्र के ग्रामसभा तिघरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से एक व्यक्ति राशन वितरण के दौरान गांव में पहुंच गया। इसके बाद लोग गुस्सा गए। दरअसल वह व्यक्ति गांव में राशन लेने गया था, जिसे ग्रामीणों ने खदेड़ दिया। सूचना पर क्वारंटाइन सेंटर पहुंची पुलिस व नायब तहसीलदार कैंपियरगंज वशिष्ट कुमार वर्मा ने उक्त व्यक्ति को चेतावनी दी है कि दोबारा सेंटर छोड़कर गांव जाने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बिना मास्क लगाए पहुंचे तो दवा नहीं मिलेगी
शासन ने हर व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद दवा विक्रेता समिति ने बिना मास्क लगाए लोगों को दवा नहीं देने का फैसला लिया है। अब दवा लेने के लिए डॉक्टर के पर्चे के साथ मास्क लगाकर आना होगा। जिनके पास मास्क नहीं है, वे गमझा या रुमाल से मुंह ढंक सकते हैं। समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप दवा विक्रेता समिति ने कई अहम फैसले किए हैं। दवा की थोक व फुटकर दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य कर दिया गया है। जो इसका पालन नहीं करेगा, उसे दवा नहीं दी जाएगी। यह फैसला सभी की सुरक्षा लिए जरूरी है।
सैनिटाइज होने के बाद ही यात्रियों को मिलेगा स्टेशन पर प्रवेश
लॉकडाउन खुलने के बाद यात्री ट्रेन सेवाओं को लेकर जोनल रेलवे से लगायत बोर्ड स्तर तक मंथन जारी है। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है कि लॉकडाउन के बाद रेलवे ट्रेनों को कैसे चलाएगा। अधिकारी भी कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। इसके बाद भी यात्री ट्रेनों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर जारी है। हालांकि रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे कभी भी ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। 17 एक्सप्रेस और 25 पैसेंजर ट्रेनों के रेक और रेल लाइनें युद्ध स्तर पर दुरुस्त हो रही हैं। जानकारों के अनुसार यह तय माना जा रहा है कि लॉकडाउन के बाद सभी ट्रेनें एक साथ नहीं चलेंगी। पहले लोकल ट्रेनों पर फोकस रहेगा। फिर आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे लंबी दूरी की ट्रेनें चलाई जाएंगी। ट्रेन सेवाएं शुरू होने के सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जिसमें मास्क के साथ शारीरिक दूरी भी शामिल है। यात्री सैनिटाइज होने के बाद ही स्टेशन पर प्रवेश पा सकेंगे। इसके लिए मुख्य गेट पर डिसइंफेक्टिंग टनल (किटाणुनाशक टनल) लगाया जाएगा। सभी यात्रियों का थर्मल स्कैनिंग कराने की भी योजना है। इसको लेकर संबंधित अधिकारियों के बीच लगातार वार्ता चल रही है।