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जैसा देखा सुना : वाह रे जवान, चेक से घूस का भुगतान Gorakhpur News

पढ़ें गोरखपुर से रजनीश त्रिपाठी का साप्ताहिक कॉलम जैसा देखा सुना...

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 05:50 PM (IST)
जैसा देखा सुना : वाह रे जवान, चेक से घूस का भुगतान Gorakhpur News
जैसा देखा सुना : वाह रे जवान, चेक से घूस का भुगतान Gorakhpur News

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। ईमान बेचने के इनाम के लिए पुलिस का जवान जिस हद तक चला गया उसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। बात एक-डेढ़ माह पुरानी है। खोराबार के कुसम्हीं जंगल की तरफ गश्त करते दौरान जवान को पता चला कि एक व्यक्ति लॉकडाउन तोड़कर शराब बेचने जा रहा है। जवान ने मुस्तैदी दिखाई और फौरन शराब की बोतलों के साथ व्यक्ति धर लिया गया। अब उसे पकड़कर भी क्या करना था। छोडऩा ही था, तो शुरू हो गया मोलभाव। शराब के तथाकथित तस्कर ने हाथ खड़े कर दिये, कहा नगद सारे रुपयों की तो शराब खरीद ली, अब इसे बेच लूंगा तभी तो पैसे दूंगा। जवान ने कहा बैंक से निकालकर दे, तस्कर ने कहा एटीएम है नहीं और बैंक बंद हैं। झुंझलाए जवान ने कहा तू चेक ही दे दे। हारकर तस्कर ने तय रकम का बियरर चेक काटकर जवान को दिया, जिसका भुगतान अभी पिछले दिनों ही हुआ है। 

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अब कैसे चलेगी मैडम की गाड़ी

कई गांवों के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाली एक मैडम की गाड़ी फंस गई है। दरअसल उनके वाहन का खर्च अब तक मातहत चंदा लगाकर उठाते थे और सरकार से इस मद में मिलने वाली रकम मैडम के घर जाती थी। इस व्यवस्था से मातहत अंदर-अंदर झल्लाते तो बहुत थे, लेकिन मैडम कहीं 'सुपर मैडमÓ से दूसरे किसी बहाने शिकायत न कर दें, इसको लेकर डरते भी थे। इसी बीच सुपर मैडम का विभाग बदल गया तो कर्मचारियों ने हिम्मत जुटाकर इस दमनकारी व्यवस्था का विरोध शुरू कर दिया। एक मातहत से तो इसको लेकर मैडम की तकरार भी हो गई, जिसके बाद नाराज मैडम ने बहस करने वाले मातहत को दूसरे मामले में कारण बताओ नोटिस थमा दिया। इधर, घटना के बाद लामबंद हुए मातहतों ने चंदा लगाकर मैडम की गाड़ी चलवाने से मना कर दिया है। देखने वाली बात अब यह होगी कि मैडम की गाड़ी कैसे चलेगी।

मेरा पति मेरा देवता है

भला है बुरा है जैसा भी है, मेरा पति मेरा देवता है। 'नसीब अपना-अपना फिल्म का यह गीत सेहत महकमे की उस मैडम पर बिल्कुल फिट बैठता है, जिन्होंने पति के लिए सारे नियम-कायदों को ताख पर रख दिया है। दफ्तर की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठीं मैडम का पति प्रेम इतना बढ़ गया है कि उन्होंने अपनी नौकरी तक को दांव पर लगा दिया है। विभाग में ही तैनात पति को उन्होंने न केवल उस कुर्सी पर बैठा दिया, जिसके लिए उनकी दावेदारी बहुत पीछे थी बल्कि अपनी दस्तखत से वह अधिकार भी दे दिए, जिसके लिए वह खुद अधिकृत नहीं थीं। मैडम की इस निरंकुशता से महकमे में इतना असंतोष हो गया कि कुछ संवर्गीय लोगों ने गुस्से में आकर नौकरी से त्यागपत्र तक दे दिया। इसके बावजूद मैडम को इस बात की चिंता नहीं है कि कहीं पति के चक्कर में उनका ही नुकसान न हो जाए।

पढ़ाई पूरी अब परीक्षा की बारी

ऑनलाइन क्लास में पब्लिक स्कूलों के सर-मैडम का एकतरफा संवाद न केवल ब'चों बल्कि अभिभावकों को भी पढ़ाई के नाम पर मजाक लग रहा है। ज्यादातर स्कूलों से भेजे जा रहे यू-ट्यूब से डाउनलोड वीडियो बच्चों के साथ-साथ मम्मी-पापा के लिए भी सिर दर्द बन गए हैं। वीडियो भेजकर पढ़ाई की रस्म अदायगी तक तो गनीमत थी, लेकिन अब स्कूलों ने टेस्ट लेने की भी शुरूआत कर दी है। कई स्कूलों से ब'चों को नोटिस भेजा गया है कि तैयारी कर लें, अब परीक्षा की बारी है। अभिभावक इस बात को लेकर परेशान हैं कि जब पढ़ाई ही नहीं हुई तो परीक्षा किस बात की। हां, वसूली गई फीस का औचित्य साबित करना हो तो बात अलग है। उधर, घर में रहकर ऊब चुके बच्चे भी वीडियो को मनोरंजन ही मान रहे हैं। स्कूल जब तक दो तरफा संवाद की व्यवस्था नहीं बनाएंगे इस पढ़ाई के कोई मायने नहीं हैं। 


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