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हाल-बेहाल : बारिश से जिंदगी झंड हो गइल Gorakhpur News

पढ़ें गोरखपुर से दुर्गेश त्रिपाठी का साप्‍ताहिक कालम-हाल-बेहाल---

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 01:39 PM (IST)
हाल-बेहाल : बारिश से जिंदगी झंड हो गइल Gorakhpur News
हाल-बेहाल : बारिश से जिंदगी झंड हो गइल Gorakhpur News

दुर्गेश त्रिपाठी, गोरखपुर। जिंदगी झंड बा... कहते हुए पर्दे से जमीन पर आने वाले माननीय कोरोना के चक्कर में इस बार की बारिश का सुख मायानगरी में उठा रहे हैं। पिछले साल जीत के बाद पानी में खड़े होकर फोटो खिंचाया तो भयंकर वाहवाही मिली थी। लोगों को लगा था कि यह बारिश किसी तरह गुजर जाए, अगली बार पानी में पांव नहीं पड़ेंगे। माननीय ने भी तब अफसरों की जमकर क्लास ली थी। ऐसा होना चाहिए, वैसा होना चाहिए कहकर पूरी योजना भी बना डाली थी, लेकिन इस बार फिर वही हालात हैं। शहर में आने पर माननीय जहां रुकते हैं, वहां भी घुटने से ऊपर पानी लग रहा है। हालांकि पानी भरने को लेकर ङ्क्षचतित हैं। इसी चिंता में मायानगरी से वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिये बता दिया कि उन्हें पल-पल की खबर है। अब इन्हें कौन बताए कि जब यहां थे तब तो कुछ हुआ नहीं, अब वहां से क्या होगा?

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कोरोनाकाल में कमा लिया साहब ने

शहरियों को पानी पिलाने वाले महकमे में इन दिनों कुछ अ'छा नहीं चल रहा है। जिस काम के लिए यह विभाग बना है, उसे छोड़कर यहां सारे काम होते हैं। महकमे के कुछ लोग ठीकेदारी भी करते हैं और जब फर्जी बिल का भुगतान नहीं होता, तो हंगामा करवाकर ऊपर तक मैसेज भी पहुंचाते हैं। विभाग के एक दाढ़ी वाले साहब को कुछ दिनों में सेवा से मुक्ति मिलने वाली है। पूरी नौकरी में काम नहीं किया, तबादला हुआ तो रो-धोकर पड़े रहे। बुढ़ापे पर तरस खाकर अफसरों ने तबादला रोक दिया। साहब जाने वाले हैं, सो कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि पेंशन से ज्यादा ऊपर वाली आ जाए। दरबार में कई दिन हाजिरी लगाई, नागरिकों के संकट के नाम पर जो आज तक नहीं किया, उन सेवाओं के बंद होने का खतरा बताया। साहब को रुपये जारी करने पड़े और इन साहब को कोरोना में ङ्क्षजदगी मिल गई।

जब सिर से ऊपर निकला पानी

शहरियों को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए दो जगह महापंप लगाए गए हैं। कहा गया था कि यह महापंप एक घंटे में लाखों लीटर पानी निकाल देंगे। यानी जलभराव होने पर पानी मिनटों में निकालने का इंतजाम किया गया था, लेकिन तेल चोरी के चक्कर में खिलाड़ी अपने हिसाब से पंप चलाने लगे। आलम यह हो गया कि घरों में पानी घुसता रहा, पर पंप नहीं चले। नागरिकों की नाराजगी बढ़ी तो वह बंधे पर पहुंच गए। प्रदर्शन और हंगामा किया तो पंप चलाए गए। इसकी जानकारी बाऊ जी को भी हुई। दो दिन बाद वह बड़े साहब को लेकर अचानक निकल पड़े। बांध पर जाकर देखा तो ज्यादातर पंप बंद मिले। इसके बाद तो बाऊ जी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। पानी वाले अफसर को फोन मिलाकर जमकर टाइट किया। बोले, ऐसा न हो कि पानी सिर से ऊपर निकल जाए और आपका नुकसान हो जाए।

खतरों से खेल रहे कोरोना योद्धा

शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जहां मरीज मिल रहे वहां का पूरा इलाका सील कर दिया जा रहा है। इसके बाद काम शुरू होता है सफाई महकमे का। इलाके में झाड़ू लगवाना, नाली सफाई के साथ ही लोगों को कोरोना से बचाने के लिए छिड़काव कराना, सफाई महकमे की जिम्मेदारी है। महकमा इन दिनों इस काम को बखूबी अंजाम भी दे रहा है। महकमे के डॉक्टर साहब बाईपास सर्जरी के बाद भी सफाई योद्धाओं के साथ प्रतिदिन सुबह ही मिशन पर निकल जाते हैं। कोरोना संक्रमितों के इलाके में भी घूम-घूमकर व्यवस्था का जायजा लेते हैं। बड़े साहब भी खुद के स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर रोजाना पूरे शहर में साफ-सफाई और छिड़काव की व्यवस्था देखने निकलते रहते हैं। कमियां दूर करने की सलाह भी देते हैं। कोरोना योद्धाओं की इस मेहनत की नागरिक और जनप्रतिनिधि तारीफ करने में कोई कोताही भी नहीं कर रहे हैं। 


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