बतकही : दारोगा मांग रहा रंगदारी Gorakhpur News
पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्ताहिक कालम बतकही---
सतीश कुमार पांडेय, जेएनएन। शहर से सटे दक्षिणी क्षेत्र के थाने पर तैनात दारोगा की गुंडई से लोग परेशान हैं। इलाके के छोटे-छोटे बदमाशों की मदद से दारोगा ने अपना गैंग बना लिया है। विरोध करने वाले को अपने तरीके से निपटा देते हैं। दारोगा के हल्के में रहने वाले एक डॉक्टर अपना मकान बनवा रहे हैं। इसकी जानकारी दारोगा को अपने चेलों से मिली तो मुआयना करने पहुंच गया। डॉक्टर को बुलाकर निर्माण कार्य बंद कराने का फरमान सुना दिया। पूछने पर बताया कि बहुत शिकायत है, पहले समझ लीजिए, फिर निर्माण कार्य कराइए। वजह पूछने पर दारोगा बिफर कर बोला, 20 हजार रुपये देने के बाद ही काम कराइए। रुपये नहीं मिले, तो दीवार भी गिरा दूंगा। मामले की जानकारी डॉक्टर ने परिचितों व रिश्तेदारों को दी, तो उन्होंने अधिकारियों से शिकायत करने की सलाह दी। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद दारोगा अब उन्हें देख लेने की धमकी दे रहा है।
जेल में बंद बदमाश की आकाशवाणी
गोरखपुर जेल में बंद शातिर बदमाश ने फिरोजाबाद के व्यापारी की हत्या की सुपारी दे दी। शूटरों के पकड़े जाने पर भेद खुला, तो जांच शुरू हो गई। पुलिस के दावे को जेल के अफसरों ने खारिज कर दिया। बताया कि 24 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से ही मुलाकात बंद है। बदमाश पेशी पर जाने के लिए भी बाहर नहीं निकला। किसी से मुलाकात भी नहीं हुई। सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक-चौबंद है कि बिना मर्जी के कोई पङ्क्षरदा भी पर न मार सके। त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर जेल के अंदर मोबाइल ले जाने का सवाल ही नहीं उठता। फिर उसने हत्या की सुपारी कैसे दे दी। यह जेल प्रशासन को बदनाम करने की साजिश है। जेलर सफाई दे रहे हैं कि जिसे संदेह हो वह आकर जांच कर ले। जेल के अधिकारियों का तर्क सुनकर लोग कह रहे हैं, हो सकता है बदमाश ने आकाशवाणी की होगी।
थानेदारों ने लगा दी इज्जत की कीमत
शादी का झांसा देकर आबरू लूटने वाले की शिकायत लेकर पीडि़ता थाने पहुंची। जुगाड़ से उत्तरी क्षेत्र के मलाईदार थाने की कुर्सी पाने वाले दारोगा की बात सुन पीडि़ता दंग रह गई। मदद की बजाय वह रुपये लेकर समझौता करने का सुझाव देने लगे। बात न मानने पर कल आने की बात कह लौटा दिया। कल के चक्कर में एक माह तक पीडि़ता थाने के चक्कर लगाती रही। सुनवाई न होने पर पीडि़ता महिलाओं की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहने का दावा करने वाली थाना प्रभारी के पास पहुंची। उन्होंने बात सुनने के बाद कार्रवाई का भरोसा देकर आरोपित का मोबाइल नंबर, नाम व पता ले लिया। पीडि़ता को न्याय की उम्मीद जगी, लेकिन इस थाना प्रभारी के भी विचार बदल गए, उनके मातहत पीडि़त पर रुपये लेकर समझौता करने का दबाव बनाने लगे। अंत में पीडि़ता ने कप्तान से मिलकर आपबीती सुनाई। उनके फटकार लगाने पर मुकदमा दर्ज हुआ।
रक्षाबंधन पर प्यार बांटें, संक्रमण नहीं
पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। स्कूल, कॉलेज, कोङ्क्षचग बंद हैं। संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, प्रशासन ने शहर के कई इलाकों को सील कर दिया है। इसके बाद भी कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। क्योंकि जब तक हम खुद जागरूक नहीं होंगे, खुद और अपनों को सुरक्षित नहीं रख सकते हैं, इसीलिए जरूरी है, सभी लोग सुरक्षा को लेकर जारी प्रोटोकॉल का पालन करें। शारीरिक दूरी का ध्यान दें। रक्षाबंधन में जो लोग दूसरे शहर या हॉट स्पॉट इलाके से आ रहे हैं, उन्हें अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। कोरोना की स्थिति देखें, तो जब-जब आवाजाही बढ़ी है, संक्रमण का ग्राफ भी बढ़ा है। ऐसे में बेहतर यह है कि अनावश्यक लंबी यात्रा करने की बजाय डाक से राखी मंगाकर सोशल मीडिया या वीडियो कॉङ्क्षलग के जरिये एक-दूसरे से प्यार बांटा जाए।