महराजगंज की तराई में मौसम की मार, बीमार पड़ रहे लोग, अस्पतालों में बढ़े मरीज
तराई का मौसम बेरहम हो गया है। कभी धूप तो कभी बदली लोगों के परेशानी का सबब बना हुआ है। उमस भरी गर्मी से बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। मौसम के इस उतार-चढ़ाव के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महराजगंज जिले के तराई क्षेत्र में रहे लोगों को इस समय मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। कभी बारिश, कभी बदली और कभी तेज धूम की वजह से लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। नतीजा, अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं। काफी लोग तेजी से वायरल फीवर की चपेट में आ जा रहे हैं। जिसकी वजह से अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।
सरकारी व निजी अस्पतालों में पहुंच रहे मरीज
जिला अस्पताल व सरकारी अस्पतालों में वर्तमान में प्रत्येक दिन 500 से 700 मरीज मरीज विभिन्न रोगों से ग्रसित आ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों पर भी काफी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में पर्ची काउंटर पर गर्मी के मौसम में मरीज व तीमारदार की लंबी लाइन लग रही है। इसमें बच्चे और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या अधिक है। लोग जुकाम, बुखार, खांसी, मलेरिया, डायरिया, एलर्जी के शिकार हो रहे हैं। बुजुर्गों में सांस फूलने और शुगर की भी समस्या सामने आई। जिला अस्पताल की ओपीडी में डा. प्रमोद कुमार, डा. उर्वशी राय, राजीव यादव, डा. रमन सहित अन्य चिकित्सकों तथा एआरटी सेंटर पर डा. केवी त्रिपाठी के पास मरीजों की कतार लगी रही। मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि के कारण इमरजेंसी वार्ड में बेड कम पड़ जा रहे हैं। ड्रीप चढ़ाने के लिए स्टैंड का अभाव सामने आ रहा है, जिसके कारण तीमारदार ग्लूकोज की बोतल हाथ में लेकर ही स्टैंड का काम कर रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड के अलावा बाहर बरामदे और गलियारे में भी मरीजों को भर्ती कराया जा रहा है। इस दौरान किसी को बाहर से दवा लिखी गई, तो किसी को अस्पताल से ही दवा उपलब्ध कराई गई है।
बीमार पड़ने से बचने के लिए सावधानी जरूरी
कुछ जरूरी सावधानी बरतक मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। मसलन दिन में कम से आठ से 10 गिलास पानी जरूर पीएं। शरीर में पानी की कमी न होने दें। खाने में लहसून का इस्तेमाल बढ़ा दें। अदरक, हल्दी, काली मिर्च और चीनी मिलाकर उसका काढ़ा पीएं। किसी भी हालत में बासी भोजन न करें। ताजा खाना ही खाएं, बाहर की किसी चीज का सेवन न करें। अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें और शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाएं।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
महराजगंज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय कहते हैं कि वायरल बुखार ठीक होने में पांच से छह दिन लग जाते हैं। बुखार की शुरुआत में गले में दर्द, थकान, खांसी जैसी समस्या होती है। जिसे नजरअंदाज करने पर संक्रमण शरीर में फैल जाता है। बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है। इसलिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है बदलते मौसम में खान-पान पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। संतुलित आहार और संयमित जीवन शैली के जरिये अनेक बीमारियों से अपना बचाव किया जा सकता है। सभी को इसके लिए जागरूक रहने की जरूरत है। लोगों का अस्पताल के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसके कारण लोग यहां इलाज कराने पहुंच रहे हैं। जो संसाधन हैं, उसमें बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है।