अधूरे सरयू कैनाल में छोड़ा गया पानी, फसल जलमग्न- नाराज किसानों ने लगाया जाम
सिद्धार्थनगर जिले में इस कैनाल का निर्माण अभी भी अधूरा है। उसी कैनाल में सरयू नहर खंड के कर्मचारियों ने 30 दिसंबर की रात को अचानक पानी छोड़ा गया। जिससे बिहारी महदेवा कुर्मी पचंगवा मधवानगर के सैकड़ों किसानों की करीब एक हजार बीघा फसल पानी में डूब गई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 11 दिसंबर को बलरामपुर से जिस सरयू कैनाल का लोकार्पण किया था। सिद्धार्थनगर जिले में इस कैनाल का निर्माण अभी भी अधूरा है। उसी कैनाल में सरयू नहर खंड के कर्मचारियों ने 30 दिसंबर की रात को अचानक पानी छोड़ा गया। जिससे बिहारी, महदेवा कुर्मी, पचंगवा, मधवानगर के सैकड़ों किसानों की करीब एक हजार बीघा फसल पानी में डूब गई। नाराज किसानों ने सुबह आठ बजे अलीगढ़वा-बर्डपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। आवाजाही पूरी तरह से ठप हाे गई। वह दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। तीन घंटा बीतने के बादजूद भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।
किसानों ने ड्रेनेज खंड पर लगाया लापरवाही का आरोप
किसानों का आरोप है कि विभाग ने नहर का पूरा काम कराए बिना पानी छोड़ दिया है। आधी-अधूरी बनी नहर में पानी पहुंचने से उनकी फसल डूब गई है। पूरे सिवान में पानी भर गया है। ड्रेनेज खंड की लापरवाही से काफी नुकसान हुआ है। पानी का बहाव तेज होने से कुछ ही देर में फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। सुबह खेत के तरफ गए तो पूरा सिवान पानी मे डूबा देख माथा पीटने लगे। किसान फसल को जलमग्न देख हंगामा शुरू कर दिया। मोहम्मद इस्तियाक, अब्दुल वकील, अकबाल अहमद, राकेश यादव, सदानन्द, महबूब आलम, अब्दुल मोईद, मोहम्मद अली, मकसूद आलम, अब्दुल वाहिद, इस्माइल, अबू बकर, सत्यभामा, श्रीराम, मोहम्मद इलियास, खैरुल्लाह, जितेंद्र, जगदीश, विभूति, रामलगन, अजीजुद्दीन ने बताया कि उनकी पूरी फसल डूब गई है। अब इसका बचना मुश्किल हो गया है। एसडीएम सदर विकास कश्यप ने बताया कि जाम की सूचना मिली है, मौके पर पुलिस को भेजा जा रहा है। कुछ देर में वह मौके पर खुद पहुंच रहे हैं। मामले में जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी।
सरयू नहर विभाग की मनमानी से किसान नाराज
सरयू नहर परियोजना बर्डपुर क्षेत्र में पूरी नही हो पाई है। यह नहर गोंडा सहित नौ जिलों के किसानों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी। 808 किलोमीटर लंबी इस नहर योजना से किसानों को मंहगी सिंचाई की परेशानी से प्रभावी तौर पर छुटकारा मिलेगा।
क्या कहते हैं किसान
बिहरी गांव के रहने वाले किसान अब्दुल सलाम कहते हैं कि नहर लोकार्पण से पहले महदेवा कुर्मी के गैप को भरा जाना चाहिए था। उसके बाद पानी छोड़ते तो सबका फायदा होता। अधूरे कार्य पर पानी छोड़ने से हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई।
जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
बर्डपुर निवासी हरिश्चंद्र अग्रहरि अपने खेत का मुआवजा सड़क रेट पर चाह रहे थे। जिसके लिए मुकदमा भी चल रहा है। मामले को निपटाने के बाद ही पानी छोड़ना चाहिए था। ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कर कारर्रवाई किया जाना चाहिए।
नुकसान के बदले मिले मुआवजा
बिहरी के किसान पारस ने कहा कि हम अन्नदाता परेशान हैं। फसल डूब गई हैं। अपनी बात को रखने के लिए सड़क तीन घंटो तक जाम रहा उसके बावजूद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुचा। हमें हमारे नुकसान का मुआवजा मिलना चाहिए। बिहरी गांव के ही सदानंद ने भी नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन को तत्काल जितने किसानों का फसल डूबकर नुकसान हुआ है। उसका सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाए। और नहर के गैप को भरवाया कर पानी छोड़ा जाए।