अगली पीढ़ी को मुसीबत में डालेगी पानी की बर्बादी
गोरखपुर : गिरता जल स्तर पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन रहा है। धीरे-धीरे बहुत सी जगहों पर जल की
गोरखपुर : गिरता जल स्तर पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन रहा है। धीरे-धीरे बहुत सी जगहों पर जल की किल्लत विकराल रूप धारण करती जा रही है। जलसंकट को लेकर अगर हम सब अभी से नहीं चेते तो हमारी आने वाली पीढ़ी को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लाखों लीटर बारिश का शुद्ध जल नालियों में बह जाता है। इस पानी अगर इकट्ठा किया जाए तो जलसंकट पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जल संकट को देखते हुए यही सबसे अच्छा विकल्प है।
यह बातें दिलीप कुमार त्रिपाठी ने शहर के रानीडीहा में दैनिक जागरण के 'जलदान' अभियान के तहत परिचर्चा के दौरान कही। उन्होंने बताया कि पानी की टंकी तथा जल को शुद्ध करने वाले आरो सिस्टम से औसतन प्रतिदिन 50 से 60 लीटर पानी बर्बाद होता है जिसे अन्य जगहों पर इस्तेमाल कर बचाया जा सकता है। बरसात के मौसम में छोटी छत से लगभग एक लाख लीटर पानी जमीन के अंदर उतारा जा सकता है। पूर्व पार्षद हीरालाल यादव ने परिचर्चा को बढ़ाते हुए कहा कि जागरूकता के बिना जल संरक्षण मुमकिन नहीं है। नगर निगम को अपने भवनों एवं कांप्लेक्सों में बारिश का पानी बचाने का संयंत्र लगाना चाहिए। साथ ही ऐसा कानून बने कि जो भी नई कालोनियां डेवलप हो रही है उसके 40 फीसद हिस्से में पेड़-पौधे लगे होने चाहिए। संजय जायसवाल ने कहा कि जिन घरों में खाली जमीन है वहां पेड़-पौधे जरूर लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण को अच्छा बनाए रखने में मदद मिलेगी। मनीष चौहान ने कहा कि जीडीए नक्शा पास करते वक्त जल संरक्षण के लिए कई शर्ते रखता है, लेकिन उसने अपनी कालोनियों में अर्थ रिचार्ज के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है। जल संरक्षण के शर्तो का कड़ाई से पालन होना चाहिए। इसी पर हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य टिका है। माजिद अली ने कहा कि जल सरंक्षण पर सभी को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। शहर के अंदर जो ताल व पोखरे हैं उसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए ताकि उसमें जल संरक्षित किया जा सके। साथ ही लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाए ताकि बारिश के पानी को बर्बाद होने रोका जा सके। उन्होंने कहा कि जलसंकट ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में सभी को गंभीरता से सोचना होगा। परिचर्चा के दौरान पार्षद गौरी देवी, गौरव कुमार श्रीवास्तव, लल्लन प्रसाद यादव, राधेश्याम मौर्या, रामानंद मौर्या, हरिशचंद्र, सूरज कुमार, आशीष जायसवाल आदि मौजूद रहे।