उम्मीदों को लगे पंख, वाल्टरगंज चीनी मिल चलने के आसार बढ़े
बस्ती की वाल्टरगंज चीनी मिल चलने की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। नए और पुराने मिल मालिकों ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। एक करोड़ रुपये मिल के खाते में भेज दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जनपद की वाल्टरगंज चीनी मिल चलने की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। नए और पुराने मिल मालिकों ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इतना ही नहीं एक करोड़ रुपये की टोकन मनी मिल के खाते में भेज दी गई है।
वाल्टरगंज मिल को नए मालिक राकेश वर्मा ने खरीद लिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि मिल के पुराने मालिक व नए मालिक के बीच डील फाइनल हो चुकी है। शीघ्र ही मिल की सफाई व मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। इसी सत्र से मिल चलाई जाएगी। वाल्टरगंज चीनी मिल चलाने के लिए श्रमिक तीन माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। इस मिल पर गन्ना किसानों का 41 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। श्रमिकों का भी 10 माह का वेतन और मानदेय बाकी है। मिल बिकने और नए मालिक द्वारा चलाने के निर्णय से श्रमिकों में काफी उत्साह है।
जिला गन्ना अधिकारी रंजीत कुमार निराला ने बताया कि वाल्टरगंज मिल के नए मालिक ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही मिल में रिपेयङ्क्षरग और साफ सफाई का काम शुरू हो जाएगा। डीएम और मिल के नए मालिक राकेश वर्मा के साथ ही मिल के पुराने मालिक मिल की हालत का बुधवार को एक साथ जायजा लेंगे।
पंजाब के उद्योगपति हैं राकेश वर्मा
लिविंग रेडियस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी ) हैं राकेश वर्मा। पंजाब के राजपुरा में यह सोलर पावर कंपनी है। इसका टर्नओवर एक हजार करोड़ हैं। मिल के नए एमडी ने दूरभाष पर बातचीत में बताया यह पहली चीनी मिल खरीदी है। इंडस्ट्री लाइन में ढाई दशक से हैं। बताया कि नई कंपनी मिल को टिकाऊ और लाभप्रद बनाने के लिए विद्युत उत्पादन,एथेनाल और अन्य सुविधाएं विकसित करेगी।