Lockdown 4: बस में बैठा पत्नी के साथ, उतरा शव लेकर Gorakhpur News
Lockdown 4 गाजियाबाद से पैदल गोरखपुर चले व्यक्ति को अलीगढ़ में रोडवेज की बस तो मिल गई लेकिन उसकी बीमार पत्नी को इलाज नहीं मिल सका और रास्ते मेें उसकी मौत हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में गाजियाबाद में रोटी के लाले पड़ गए तो कुंवर के लिए घर वापसी मजबूरी बन गई। पैदल ही चल पड़े इस शख्स को अलीगढ़ में गोरखपुर आ रही रोडवेज की बस मिली। बीमार पत्नी के साथ वह बस में सवार तो हुए लेकिन उतरे शव के साथ। उनकी हमसफर बीच सफर में ही साथ छोड़ चुकी थीं, लेकिन उन्हें उसी दशा में घर की दहलीज तक पहुंचाने के लिए वह दिल पर पत्थर रख, जुबां पर ताला लगा बस में बैठे रहे। वजह यह कि रास्ते में विलाप करते तो पत्नी की चिता को आग से पहले कोरोना जांच की तपिश से गुजरना पड़ïता।
गोरखपुर में हुआ अंतिम संस्कार
गोरखपुर बस स्टेशन से पत्नी का शव लेकर घर पहुंचे तो मोहल्लों के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग व पुलिस को सूचना दे दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्राथमिक जांच की और पूछताछ के बाद बिना नमूना लिए चली गई। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार राप्ती नदी के राजघाट पर कर दिया गया।
गाजियाबाद में झुग्गी डालकर रहते थे
यह दास्तां है शाहपुर इलाके के आवास विकास कॉलोनी, मलिन बस्ती निवासी कुंवर बसफोड़ की। उनके पिता आवास विकास परिषद गाजियाबाद में कार्यरत थे। उनकी मौत के बाद आश्रित कोटे की नौकरी के चक्कर में कुंवर पत्नी रीना और आठ माह के बेटे के साथ गाजियाबाद में आवास विकास परिषद कार्यालय के पास झुग्गी डालकर रहने लगे। नौकरी मिली नहींं है। लॉकडाउन के दौरान जब पेट की आग बुझाने की दिक्कत होने लगी तो पैदल ही पत्नी व मासूम बेटे के साथ निकल पड़े। मेरठ आते-आते पत्नी की तबीयत खराब हो गई। कुंवर ने मेरठ के ही एक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया। डॉक्टरों ने रक्त अल्पता (एनिमिया) की बीमारी बताई।
गाजियाबाद से पैदल चले, अलीगढ़ में मिली रोडवेज की बस
कुछ दिन उपचार के बाद पत्नी की तबीयत कुछ सुधरी तो वे दोबारा पैदल चल पड़े। अलीगढ़ में उन्हें गोरखपुर आ रही रोडवेज की बस मिली। कुंवर के मुताबिक रास्ते में पत्नी ने खाना खाया और सो गईं। मंगलवार रात में लखनऊ से आगे आने पर उन्हें पत्नी की मौत हो जाने का पता चला। इस मामले में पूछे जाने पर सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि बुधवार भोर में सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर गई थी। महिला का हीमोग्लोबिन बहुत कम था। प्राथमिक जांच में कोरोना का लक्षण न मिलने से शव स्वजनों को सौंप दिया गया।