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#Kushinagar_Airport : टेकऑफ कराने वालों की लैडिंग कराने के मूड में मतदाता

गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में मतदाता एयरपोर्ट पर टेकऑफ कराने वाले को लैडिंग कराने का मूड बना रहे हैं। एयरपोर्ट का कार्य दो वर्ष से अधर में लटका है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 01:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 03:00 PM (IST)
#Kushinagar_Airport : टेकऑफ कराने वालों की लैडिंग कराने के मूड में मतदाता
#Kushinagar_Airport : टेकऑफ कराने वालों की लैडिंग कराने के मूड में मतदाता

गोरखपुर/कुशीनगर, अनिल कुमार त्रिपाठी। गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर को दुनिया के देशों से सीधे जोडऩे के लिए वर्ष 2010 में यहां की ब्रिटिश कालीन एयरस्ट्रिप का विस्तार कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की योजना बनी। किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाने लगा। उन्हें बताया गया कि यहां से देश के बड़े शहरों के अलावा चीन, जापान, थाइलैंड, म्यांमार तक उड़ान होंगी। नौ साल की इस अवधि में संसद व विधानसभा में लोग प्रतिनिधि बदल कर भेजते रहे जरूर पर एयरपोर्ट की तस्वीर नहीं बदली। एक बार लोग फिर इस लोकसभा चुनाव में ऐसे प्रतिनिधि की तलाश कर रहे हैं, जो एयरपोर्ट पर नियमित उड़ान शुरू करा सके। यूं कह लीजिए कि मतदाता एयरपोर्ट पर टेकऑफ कराने वाले को लैडिंग कराने का मूड बना रहे हैं। एयरपोर्ट का कार्य दो वर्ष से अधर में लटका है।

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कारण कि 2017 से एयरपोर्ट को कोई बजट आवंटित नहीं किया गया। 2017 के पूर्व मिले बजट का उपयोग कार्यदायी संस्था ने कर लिया है। चहारदीवारी और एप्रन सहित 60 मीटर चौड़े व 3200 मीटर लंबे रन-वे का कार्य पूर्ण है। बजट नहीं मिलने के कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग, अग्निशमन बिल्डिंग, रन-वे की लाइटिंग का कार्य ठप है। टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य शुरू ही नहीं हुआ है।

80 हजार पार हुए विदेशी सैलानी

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में 80147 विदेशी सैलानी कुशीनगर आए। भारतीय सैलानियों की संख्या 897546 है। उड़ान शुरू होने के बाद इस संख्या में पांच गुना इजाफा होने की उम्मीद है। बौद्ध भिक्षु महेंद्र का कहना है कि राजनीतिक कारणों से कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान शुरू नहीं हो रही। जो पेंच फंसाया है, उसे सब जानते हैं। हम तो चुनाव में 'लैंङ्क्षडगÓ उसी की कराएंगे, जो टेकऑफ का विश्वास दिलाए।

विकास से जुड़ा है एयरपोर्ट

प्रबंधक थाई वाट पी खोमसांग ने कहा कि उड़ान के लिए थाईलैंड की एयरवेज कंपनी ने दौरा किया। दो बार गोरखपुर में अपने जहाज की लैंडिंग कराई। थाई सरकार व थाई एंबेसी सक्रिय हुई। बावजूद इसके उड़ान शुरू नहीं हो सकी। यहां के एयरपोर्ट से विकास जुड़ा है। उड़ान शुरू होते ही क्षेत्र का अप्रत्याशित विकास होगा।


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