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गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग पर कैलाश खेर को विमल बावरा का जवाब

संगीतकार विमल बावरा ने कहा कि यह सांग पूरी तरह मौलिक है। इसकी मौलिकता पर यदि किसी को आपत्ति है तो वह न्यायालय में जाए, वहां उसकी हर आपत्ति का जवाब दिया जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 12:46 PM (IST)
गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग पर कैलाश खेर को विमल बावरा का जवाब
गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग पर कैलाश खेर को विमल बावरा का जवाब

गोरखपुर (जेएनएन)। सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर में आज से शुरू हो रहे गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग की मौलिकता पर उठे सवाल को संगीतकार विमल बावारा ने सिरे से खारिज कर दिया है। गायक कैलाश खेर से थीम सांग को चोरी करने का आरोप लगाया था। 

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संगीतकार विमल बावरा ने कहा कि यह सांग पूरी तरह मौलिक है। इसकी मौलिकता पर यदि किसी को आपत्ति है तो वह न्यायालय में जाए, वहां उसकी हर आपत्ति का जवाब दिया जाएगा। बावरा ने कल गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग की मौलिकता पर उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए मीडिया को बुलाया था। उन्होंने कहा कि राग की रचनाओं का इतिहास अनादि काल का है। यह किसी की व्यक्तिगत चीज नहीं है। एक-एक राग पर हजारों गीत बनते हैं। जहां तक थीम सांग का सवाल है तो यह पूरी तरह से पूर्वी उत्तर प्रदेश की पारंपरिक धुन पर आधारित है। इस धुन पर दर्जनों लोकगीत बन चुके हैं। 

गोरखपुर महोत्सव के लिए 'नाथ योगी' गीत लिखने वाले विमल बावरा और उसे अपने पिता के साथ स्वर देने वाले प्रणव सिंह चर्चा में आ गए हैं। बावरा ने सांग की धुन पर ही कई पारंपरिक गीत भी सुनाए। उन्होंने कहा कि सांग को सोशल मीडिया पर मिल रही लोकप्रियता, इसकी मौलिकता की लोक स्वीकृति है। कुछ लोगों को यह बड़ी लोकप्रियता रास नहीं आ रही है और ऐसे ही लोग मौलिक न होने का भ्रामक आरोप लगाकर रहे हैं।

गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग को निश्शुल्क समर्पित करने से एक नई परंपरा की शुरुआत हुई है। इसी कारण व्यवसायिक संगीतकारों को यह खटक रहा है, इसलिए सांग की मौलिकता पर सवाल उठाकर अपनी खीज निकाल रहे हैं। बावरा ने बताया कि वह मौलिकता पर सवाल उठाने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के लिए विधिक सलाह भी ले रहे हैं। बता दें कि विमल बावरा के तैयार किए गए गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि इसकी धुन मशहूर गायक कैलाश खेर के एक गीत की धुन की नकल है। 

भिखारिन से मिला था धुन का क्लू

महोत्सव के थीम सांग की धुन के बारे में विमल बावरा ने बताया कि यह धुन पहली बार उन्होंने 1987 में एक भिखारिन के मुंह से सुनी थी, जब वह ट्रेन की यात्रा कर रहे थे। इस धुन पर जो गीत वह भिखारिन गा रही थी, उसे विमल ने गाकर भी सुनाया। यह गीत था 'सोरह साल के कन्या कुंवारी रे बानी देइदा भिखिया, देइदा।Ó बावरा ने कहा कि अगर महोत्सव का थीम सांग किसी का ऋणी है तो उस भिखारिन का है।

गौरतलब है कि गोरखपुर महोत्सव के थीम सांग पर कॉपीराइट के चोरी का आरोप लगा था। इसी तरह के थीम सांग को ईशा फाउंडेशन की ओर से महाशिव रात्रि पर आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में पार्श्व गायक कैलाश खेर ने गाया था।

उस समय गीत के बोल 'आदि योगी' पर केन्द्रित रहे पर गोरखपुर महोत्सव में इसे 'नाथ योगी' के शब्द में ढाल दिया गया, लेकिन धुन वगैरह सब कुछ जों कि त्यों है। इस मामले में कैलाश खेर ने भी आपत्ति जताने के साथ ही शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करने की तैयारी कर ली है।

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सैफई महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर महोत्सव में बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों के साथ फोक गायकी के दिग्गज भी महोत्सव के मंच पर समां बंधते नजर आएंगे। इसके साथ स्थानीय कलाकारों को सैफई महोत्सव की तर्ज पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।


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