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संतकबीरनगर में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पाने के लिए तरस रहे ग्रामीण

संतकबीर नगर जिला प्रशासन केंद्र और प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पात्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसका उदाहरण देखना है तो बेलहर ब्लाक के धवरिया गांव चले आइए। यहां के कुछ गरीब सरकार की योजनाओं का लाभ पाने को तरस रहे हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 06:15 AM (IST)
संतकबीरनगर में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पाने के लिए तरस रहे ग्रामीण
संतकबीरनगर में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पाने के लिए तरस रहे ग्रामीण। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर जिला प्रशासन केंद्र और प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पात्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसका उदाहरण देखना है तो बेलहर ब्लाक के धवरिया गांव चले आइए। यहां के कुछ गरीब सरकार की योजनाओं का लाभ पाने को तरस रहे हैं।

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राज्‍य वित्‍त व 15वें वित्‍त में जारी हुआ भारी भरकम बजट

गांवों में विकास का खाका खींचने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा राज्य वित्त व पंद्रहवें वित्त के माध्यम से भारी भरकम बजट उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन धवरिया गांव का आज तक समुचित विकास नहीं हो सका। यह गांव आबादी कम होने की दृष्टि से ग्राम प्रधानों की उपेक्षा का शिकार रहा। वर्ष 2015 से पूर्व यह सुम्हा ग्राम पंचायत का हिस्सा रहा। परिसीमन के बाद यह बटसरा ग्राम पंचायत में शामिल हुआ।

नई ग्राम पंचायत का हिस्‍सा बनने के बाद भी उपेक्षित रहा गांव

नये ग्राम पंचायत में शामिल होने पर इस गांव के लोगों की उम्मीदें जगीं। परन्तु एक पंचवर्षीय योजनाओं के बीत जाने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है। इस गांव में रास्ते की दिक्कत है। बरसात के दिनों में यहां से चारपहिया वाहन निकल पाना मुश्किल हो जाता है। गांव की विकलांग महिला सावित्री जिसके मां-बाप बचपन में ही मर गये थे उसको आज तक आवास नहीं मिल पाया।

क्‍या कहती हैं गांव की महिलाएं

सावित्री टीन व छप्पर में ही जिंदगी गुजार रही है। बारिश में घर तालाब हो जाता है तो अब ठंड के मौसम में रात काटना मजबूरी बन जाएगी। इन्हें दूसरों के यहां रात्रि निवास करना पड़ता है। इसी प्रकार सिपाती के पास भी छप्पर का मकान है। आज तक इन्हें आवास उपलब्ध नहीं हो पाया। इंद्रावती भी पन्नी तानकर गुजारा कर रही है। गांव के यह सभी गरीब आवास की पात्रता सूची में शामिल हैं, लेकिन आज तक इनका नंबर नहीं आया।

इंडिया मार्का हैंडपंप दे रहे दूषित जल

गांव में लगे दोनों इंडिया मार्का हैंडपंप दूषित पेयजल (पीला पानी) दे रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार ब्लाक पर शिकायत कि परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के राम नारायण पांडेय का कहना है कि पिछले दो दशक से सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उसके बावजूद गांव में लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। सड़क, पेयजल, आवास के लिए लोग परेशान हैं। जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं। राजेंद्र यादव का कहना है कि इस गांव में ब्लाक के अधिकारी और कर्मचारी झांकने तक नहीं आते। लोगों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए ब्लाक का चक्कर लगाना पड़ता है। उसके बावजूद ज्यादातर लोगों के पास राशनकार्ड, आवास आदि की सुविधा नहीं है।

पात्रों को दिया जाएगा आवास व अन्‍य सुविधाएं

बीडीओ बेलहर जीशान रिजवी ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही मैने ब्लाक में ज्वाइन किया है। समस्याओं की जानकारी की जाएगी। पात्र लोगों को चिह्नित कर आवास व अन्य सुविधाओं से संतृप्त कराया जाएगा।


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