Gorakhpur Gram Panchayat Result 2021: गोरखपुर में रिक्शा चालक ने ग्राम प्रधान का चुनाव जीतकर कायम की मिसाल
गोरखपुर में रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को ग्रामीणों ने गांव के सबसे उच्च पद पर बैठाते हुए ग्राम प्रधान बना दिया। 60 वर्षीय धुपई कम पढ़े लिखे हैं। गांव की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर कुछ संभ्रांत लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने की सलाह दे दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। लोकतंत्र की खूबसूरती का एक नजारा खजनी ब्लाक के सतुवाभार गांव में देखने को मिला। रोजी रोटी के लिए रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को ग्रामीणों ने गांव के सबसे उच्च पद पर बैठाते हुए ग्राम प्रधान बना दिया। 60 वर्षीय धुपई कम पढ़े लिखे हैं। गांव की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर कुछ संभ्रांत लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने की सलाह दे दिया। धुपई चुनाव लड़ भी गए और जनता ने उन्हें 339 मतों से विजई बना दिया। धुपई के सामने गांव के कई दिग्गज मैदान में थे।
चौथी बार जीते, दो बार पत्नी जीती थीं
बड़हलगंज क्षेत्र के बेईली ग्राम पंचायत में राजेश यादव ने चौथी बार जीत हासिल की है। उनकी पत्नी दो बार ग्राम प्रधान रह चुकी हैं। राजेश यादव को इस बार 1184 मत मिले हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी हीरालाल को 540 मत मिले हैं। राजेश यादव वर्ष 1990 में पहली बार ग्राम प्रधान चुने गए थे। तब से अब तक दो बार सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तो उनकी पत्नी विजयी रहीं। राजेश कहते हैं कि लोगों के बीच लगातार उपस्थिति और विकास कार्यों के कारण जनता का भरोसा लगातार बना हुआ है। कहा कि विजेताओं को अपना-पराया न देखते हुए सिर्फ विकास के बारे में सोचना चाहिए।
कई परिवारों का दबदबा रहा कायम
परिणाम सामने आने के साथ ही कई गांवों में प्रभावशाली परिवारों की धमक भी नजर आने लगी है। रविवार देर रात तक आए परिणामों में कुछ ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है तो कई प्रधानों के कार्यकाल पर जनता ने इस बार भी मुहर लगा दी है। बांसगांव ब्लाक के ग्राम सभा धनईपुर से रामाज्ञा यादव चौथी बार ग्राम प्रधान बने हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जीत गांव के सभी नागरिकों की जीत है। आगे भी गांव वालों की सेवा में लगे रहेंगे, जिससे और अधिक वोट प्राप्त कर सकें।
कैंपियरगंज ब्लाक के सनगद गांव में ओमप्रकाश चौधरी के परिवार में लगातार चौथी बार प्रधानी आई है। 2005 में प्रधान बनने वाली उनकी पत्नी पूनम चौधरी ने इस चुनाव में भी जीत हासिल की। इससे पहले 2010 एवं 2015 में ओमप्रकाश चौधरी प्रधान थे। ओमप्रकाश का कहना है कि हर परिस्थिति में उनका परिवार गांव वालों के साथ खड़ा रहता है। उसी का परिणाम है कि लगातार चार बार से उनके परिवार के सदस्य को ही प्रधान चुना जा रहा है।
भरोहिया ब्लाक के कल्याणपुर गांव में प्रमोद कुमार यादव लगातार दूसरी बार प्रधान चुने गए हैं। प्रमोद के कार्यों पर इस बार भी गांव की जनता ने मुहर लगाई है। इसी ब्लाक के राजाबारी गांव से प्रधान चुनी गईं अनीता देवी के पति संजय निगम 2015 में प्रधान चुने गए थे। पिपरौली ब्लाक के ग्राम भौवापार में इस बार प्रधान चुने गए धनंजय सिंह के परिवार में ही पिछली बार भी प्रधानी रही है। 2015 में उनकी माता यशोधरा देवी प्रधान चुनी गई थीं। रात नौ बजे तक 1294 में से महज 375 गांवों के परिणाम घोषित हो चुके थे।
जिंदगी की जंग हारे, चुनाव में जीते
गोरखपुर के बड़हलगंज के ग्राम पंचायत जैतपुर के ग्राम प्रधान प्रत्याशी पवन साहनी कोरोना से जिंदगी की जंग 22 अप्रैल को हार गए थे। रविवार को परिणाम की घोषणा हुई तो उनको 139 मत मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी अवनीश को 74 मत मिले हैं। परिणाम की जानकारी मिलते ही स्वजन फफक पड़े। चुनाव में प्रचार के दौरान ही पवन संक्रमित हो गए थे।
चचाईराम मठ के महंत चुनाव हारे
उरुवा ब्लाक के चचाईराम से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रहे चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी चुनाव हार गए हैं। उनको स्वामीनाथ ने हराया है।
एकडंगा गांव में अंतरराष्ट्रीय पहलवान सीट बचाने में रहे कामयाब
उरूवा ब्लाक के ग्राम पंचायत एकडंगा निवासी अंतरराष्ट्रीय पहलवान और पूर्व ब्लाक प्रमुख पं. राम बुझारत दुबे प्रधानी अपने परिवार में रखने में इस बार भी कामयाब हुई। उनकी बहू रेखा दुबे पत्नी गौरीशंकर दुबे ने 121 मतों से जीत हासिल की। परिवार के जुगनू दुबे ने बताया कि अब तक हुई ग्राम पंचायत के चुनाव में प्रधान का पद उनके परिवार के पास ही रहा है। सीट आरक्षित हुई तो परिवार के समर्थन वाला प्रत्याशी विजयी हुआ है।