जालसाजों ने ठगी का तरीका बदला, अब वीडियो काल से कर रहे हनी ट्रैप
फेसबुक इंस्ट्राग्राम पर चैटिंग के बाद अनजान नंबर से आयी वीडियो काल रिसीव करने वाले लोग हनीट्रैप के शिकार हो रहे हैं। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपये मांगे जा रहे हैं। साइबर सेल में हर माह 10 से 15 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इंटरनेट मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती कई लोगों को भारी पड़ गयी। फेसबुक, इंस्ट्राग्राम पर चैटिंग के बाद अनजान नंबर से आयी वीडियो काल रिसीव करने वाले लोग हनीट्रैप के शिकार हो गए।बातचीत का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उनसे रुपये मांगे जा रहे हैं। लोकलाज के भय से कई लोगों ने खाते में रुपये भी ट्रांसफर कर दिए।साइबर थाना के साथ ही साइबर सेल में हर माह 10 से 15 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
कोतवाली क्षेत्र के शिक्षक ने बदनामी के डर से ट्रांसफर कर दिए 22 हजार
कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले 55 वर्षीय शिक्षक ऐसे ही हनी ट्रैप का शिकार बन गए। 15 दिन पहले अचानक रात के 11 बजे अनजान नंबर से उनके मोबाइल पर वीडियो काल आयी। जैसे ही उन्होंने वीडियो काल अटेंड किया, दूसरी तरफ एक लड़की की आपत्तिजनक तस्वीर सामने आ गई। अचानक अनजान नंबर से आई वीडियो काल और फिर उस वीडियो काल पर कपड़े उतारती लड़की को देखकर शिक्षक कुछ समझ नहीं पाए। थोड़ी में उन्होंने वीडियो काल बंद कर दी। अगले दिन उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आया,जिसे देखकर उनके होश उड़ गए।
गूगल पे पर की गई रुपये की मांग
मैसेज में उनसे गूगल पे पर रुपये की मांग की गई। रुपये न देने पर उनकी आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाने लगी।शिक्षक को कुछ समझ में नहीं आया अचानक से यह सब कैसे? हो गया और अब आगे कानून की मदद ले भी तो कैसे? क्योंकि आपत्तिजनक फोटो व वीडियो वायरल होने का डर था।समाज में इज्जत खोने के डर से उन्होंने जालसाजों के खाते में 22 हजार रुपये भेज दिए। मांग बढ़ने पर अपने परिचित शिक्षक को मामले की जानकारी दी जो उन्हें साइबर सेल ले गए।जहां पहुंचने के बाद जालसाजों से शिक्षक का पीछा छूटा।साइबर सेल प्रभारी महेश चौबो का कहना है कि ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं।कुछ सावधानी अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
10 दिन पहले पकड़ा गया था गिरोह
गोरखपुर पुलिस की साइबर सेल ने 10 दिन पहले मथुरा, मेवात के रहने वाले छह साइबर अपराधियों को पकड़ा था।जो फेसबुक पर पुलिस अधिकारी, सांसद व विधायक की फर्जी फेक आइडी बनाकर मदद के नाम पर दूसरों से रुपये मांगते थे।पकड़े गए आरोपितों के मोबाइल चेक करने पर 20 से अधिक आपत्तिजनक वीडियो भी मिले।पूछताछ करने पर पता चला कि गिरोह के सदस्य वीडियो काल करके लोगों को ब्लैकमेल भी करते थें।
ब्लैकमेल करने पर पुलिस से करें शिकायत : डीआइजी
डीआइजी रेंज जे रविंद्र गौड़ ने बताया कि अनजान नंबर से आयी वीडियो काल रिसीव करने से बचे।वीडियो वायरल करने की धमकी देकर अगर कोई ब्लैकमेल करता है तो साइबर थाना या जिले की साइबर सेल में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। साइबर अपराधी केवल धमकी देते हैं।