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कुलपति बोले, पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे नए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय

गोरखपुर में राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया है तथा प्रदेश के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की आधारशीला रखी है। विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों में कुलपति के पद पर कार्यरत गोरखपुर के लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 06:15 AM (IST)
कुलपति बोले, पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे नए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय
महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय का राष्‍ट्रपति ने किया लोकार्पण। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की मौजूदगी महत्वपूर्ण रही। सभी ने पूर्वांचल और गोरखपुर को एक साथ दो विश्वविद्यालयों की सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार ज्ञापित किया।

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भारतीय चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद को लोकप्रिय बढेगी लोकप्रियता

दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि गुरु श्रीगोरक्षनाथ के नाम पर स्थापित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय पब्लिक सेक्टर और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय प्राइवेट सेक्टर के ऐसे विशेष विश्वविद्यालय हैं जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत को केंद्र में रखकर हजारों वर्षों पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने में जनोपयोगी साबित होंगे। इस बात से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि इस विश्वविद्यालय की तैयारियों की समीक्षा के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटी में मैं भी शामिल था।

चार विश्‍वविद्यलयों वाले शहर में शामिल हुआ गोरखपुर शहर

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को दो विश्वविद्यालयों की सौगात देकर, उसे उन जिलों की श्रेणी शामिल कर दिया है, जहां चार-चार विश्वविद्यालय हैंं। एक साथ जिले में जब चार-चार विश्वविद्यालय संचालित होंगे तो उच्च शिक्षा के स्तर में और तेजी से इजाफा होगा। पूर्वांचल के युवाओं के लिए पाठ्यक्रमों का हर विकल्प मौजूद रहेगा तो रोजगार के ढेर सारे रास्ते खुलेंगे। पूर्वांचल के विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। रोजगार भी यहीं मिल जाएगा।

पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के युवाओं को अध्‍ययन के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्‍तव ने कहा कि पहले गोरखपुर और बस्ती मंडल में उच्च शिक्षा का दारोमदार पूरी तरह से दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर पर था। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय बनने और मदन मोहन मालवीय इंजीनियङ्क्षरग कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से दोनों मंडलों में विश्वविद्यालयों की संख्या तीन हो गई। अब जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगीरथ प्रयास से गोरखपुर को दो और विश्वविद्यालय मिल गए हैं तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवाओं को अध्ययन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

शिक्षा का केंद्र बना गोरखपुर

अमरकंटक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि दो नए विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना से गोरखपुर शिक्षा के नए केंद्र के रूप में उभरा है। दोनों नए विश्वविद्यालय पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। गोरखनाथ विश्वविद्यालय पूर्वांचल में शिक्षा के नए आयाम स्थापित करेगा तो आयुष विश्वविद्यालय भारतीय चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद को और अधिक लोकप्रिय बनाकर इलाज से लेकर रोजगार तक उपयोगी साबित होगा। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से प्राचीन चिकित्सा पद्धति का लाभ उस युवा पीढ़ी को भी मिल सकेगा, जिसकी जरूरत अब देश ही नहीं पूरी दुनिया को महसूस हो रही है।


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