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गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट की होगी स्थापना, किसानों को मिलेगा 75 फीसद अनुदान

भूमि की उर्वरता एवं गुणवत्ता बढ़ाने में कार्बनिक पदार्थों का विशेष महत्व है। इसलिए गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापना की जाएगी। इसके लिए सरकार की तरफ से 75 फीसद अनुदान दिया जाएगा। यह उन्हीं किसानों को लाभ मिलेगा जिनके पास एक एकड़ से अधिक खेत है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:58 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:50 AM (IST)
गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट की होगी स्थापना, किसानों को मिलेगा 75 फीसद अनुदान
गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट की होगी स्थापना। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भूमि की उर्वरता एवं गुणवत्ता बढ़ाने में कार्बनिक पदार्थों का विशेष महत्व है। इसलिए गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापना की जाएगी। इसके लिए सरकार की तरफ से 75 फीसद अनुदान दिया जाएगा। यह उन्हीं किसानों को लाभ मिलेगा, जिनके पास एक एकड़ से अधिक खेत है। देवरिया जिले में किसानों को प्रेरित करने के लिए जिला प्रशासन अभियान चला रहा है। आरक्षण के आधार पर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।

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हर गांव में स्‍थापित होगी यूनिट

जिले में 1185 ग्राम पंचायते हैं। हर गांव में यूनिट स्थापित करने का किसानों को मौका दिया जा रहा है। खास बात यह है कि ग्राम प्रधान का पद जिस श्रेणी के लिए आरक्षित है। उस ग्राम पंचायत के सभी राजस्व गांव को उसी श्रेणी के किसानों को योजना के अंतर्गत चयन किया जाएगा। इससे जनपद में महिला, सामान्य, पिछड़ी व अनुसूचित जाति के किसानों को समान रूप से योजना का लाभ लेने का अवसर प्रदान होगा। अनुदान की धनराशि सभी श्रेणी के किसानों के लिए समान है।

यह है यूनिट का मानक

वर्मी कंपोस्ट पिट की साइज 21 घन फीट होगी। इसमें सात फीट लंबा, तीन फीट चौड़ा एवं एक फीट गहरे चार इंच की पक्की दीवार बनाई जाएगी। इस तरह के दो पिट बनाए जाएंगे जो छायादार होंगे। स्ट्रक्चर के निर्माण में कुल 8000 रुपये की लागत आएगी, जिसमें 6000 रुपये किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित की जाएगा। अनुदान की धनराशि किसानों द्वारा वर्मी पिट स्थापित कर गड्ढे को सड़ी हुई गोबर की खाद, फसल अवशेष व अन्य अनुपयोगी अपशिष्ट पदार्थों से भरने के उपरांत केंचुआ डाले जाने पर मिलेगा।

जैविक खेती समय की जरूरत

उप निदेशक कृषि डा. आशुतोष मिश्र ने बताया कि कृषि उत्पादों में बढ़ते रासायनिक दुष्प्रभावों को देखते हुए जैविक खेती इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। जो किसान वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना के इच्छुक हैं। वह अपने कार्य क्षेत्र के प्राविधिक सहायक, विकासखंड के सहायक विकास अधिकारी कृषि एवं जनपद स्तर पर जिला कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।


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