Good News : गोरखपुर में बनेगा UP का पहला इंटीग्रेटेड पेपरलेस कलेक्ट्रेट कार्यालय Gorakhpur News
गोरखपुर के लिए एक और खुशखबरी है। कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदेश का पहला इंटीग्रेटेड भवन बनेगा जो पूरी तरह से पेपरलेस होगा।
गोरखपुर, राजेश्वर शुक्ला। गोरखपुर के लिए एक और खुशखबरी है। कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदेश का पहला इंटीग्रेटेड भवन बनेगा जो पूरी तरह से पेपरलेस होगा। भवन के प्रथम तल पर जिलाधिकारी कार्यालय दाहिने तरफ व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय बाएं तरफ होगा। बीच में एक गैलरी होगी। इसी तल पर एक बड़ा मीटिंग हाल व सिंगल विंडों सिस्टम की व्यवस्था रहेगी। सभी जनपदीय अधिकारियों के एक साथ बैठने से जनता को अनावश्यक भागदौड़ से निजात मिलेगी। साथ ही जनहित के कार्यों के निष्पादन में तेजी आएगी। परिसर में स्टिल्ट (जमीन के ऊपर इमारत को सहारा देने वाला खंभा) तल के अलावा तीन तल और बनाए जाएंगे जिसमें पार्किंग के साथ लिफ्ट की भी व्यवस्था रहेगी।
प्रथम तल पर होंगे डीएम-एसएसपी कार्यालय
जिला प्रशासन के मुताबिक अत्याधुनिक भूकंपरोधी बिल्डिंग के स्टिल्ट तल पर लगभग 100 गाडिय़ों के पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। प्रथम तल पर जिलाधिकारी व एसएसपी कार्यालय रहेंगे। द्वितीय तल पर डीएम के लिए एक कोर्ट के साथ छह अन्य कोर्ट भी बनाए जाएंगे। इसी तल पर पुलिस अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। दोनों तल पर टायलेट (महिला-पुरुष) की सुविधा रहेगी। तृतीय तल पर मालखाना, रेवेन्यू रिकार्ड रूम, बैरक, लाइब्रेरी, भूमि अध्याप्ति अधिकारी कक्ष, स्ट्रांग रूम, न्यायिक रिकार्ड रूम, स्टेशनरी रूम के अलावा दो किचन व टायलेट बनाया जाएगा।
54 करोड़ से तैयार होगी बिल्डिंग
लोक निर्माण विभाग ने भवन के निर्माण के लिए लगभग 54 करोड़ (जीएसटी व लेबर सेस समेत अन्य व्यय) का आगणन (इस्टीमेट) भेजा है। इसमें सिविल वर्क पर 40.4 करोड़ व बिजली कार्य के लिए 2.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कैंपस में 83 लाख रुपये की लागत से सीसी रोड़ बनाई जाएगी। भवन के सामने व दाहिने हिस्से की बाउंड्री पर 25.81 लाख रुपये खर्च होंगे।
जलजमाव से मिलेगी निजात
कलेक्ट्रेट वर्तमान भवन काफी पुराना है। आस-पास की सड़कों के ऊपर हो जाने के कारण हल्की बरसात में भी परिसर में जल-जमाव हो जाता है जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नए अग्निरोधी भवन में भूमिगत टैंक, स्टार्म वाटर ड्रेन के साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था रहेगी।
यह प्रदेश का पहला इंटीग्रेटेड भवन होगा जिसमें ई-आफिस की व्यवस्था होगी। हर आवेदक के पास एक कोड होगा जिसके जरिये वह अपनी फाइल की वास्तविक स्थिति का पता लगा सकेगा। सभी फाइलें स्कैन होकर कंप्यूटर में रहेंगी। भवन का डीपीआर शासन को भेजा गया है। एक माह में बजट आवंटित होने की उम्मीद है। इसके बनने से जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण होगा। - के. विजयेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी