यूपीपीसीएल की आन लाइन परीक्षा में दो साल्वर व अभ्यर्थी गिरफ्तार
गोरखपुर : बेलीपार में नौसढ़ चौराहे पर स्थित स्वास्तिक आन लाइन परीक्षा केंद्र पर गुरुवार को अ
गोरखपुर : बेलीपार में नौसढ़ चौराहे पर स्थित स्वास्तिक आन लाइन परीक्षा केंद्र पर गुरुवार को आयोजित उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल)की सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर भर्ती परीक्षा में वास्तविक परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दे रहे बिहार के दो साल्वरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ के बाद दोनों वास्तविक अभ्यर्थी भी परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार कर लिए गए। मोहरीपुर, चिलुआताल निवासी परीक्षा केंद्र के संचालक राजीव रंजन वर्मा की तहरीर पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।
जनपद में आयोजित पावर कार्पोरेशन की आन लाइन परीक्षा पांच सितंबर से शहर में विभिन्न केंद्रों पर चल रही है। 17 सितंबर तक परीक्षा चलेगी। नौसढ़ में स्वास्तिक आन लाइन परीक्षा केंद्र पर गुरुवार को सुबह नौ बजे से शुरू हुई परीक्षा दोपहर 12 बजे खत्म होनी थी। बेलीपार थाने से परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा में पुलिस तैनात कर दी गई थी। परीक्षा के बीच में ही पुलिस टीम को दो वास्तविक अभ्यर्थियों की जगह साल्वरों के परीक्षा में शामिल होने की सूचना मिली। पुलिस टीम ने जांच-पड़ताल के बाद दोनों साल्वरों को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ में पता चला कि कैंट क्षेत्र के बेतियाहाता, मिर्जापुर निवासी दिलीप कुमार वर्मा और कोतवाली, बस्ती के पक्का बाजार निवासी अलमास की जगह वे परीक्षा में शामिल हुए थे। अलमास के नाम पर परीक्षा दे रहे साल्वर की पहचान छपरा, बिहार के कुलदीपनगर, मुफसिल निवासी रोशन कुमार और दिलीप की जगह परीक्षा देने वाले की पहचान पटना, बिहार मुस्सलपुर निवासी राजीव कुमार यादव के रूप में हुई है। परीक्षा केंद्र से ही पुलिस ने अलमास और दिलीप को भी गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से फर्जी आइडी और जालसाजी कर तैयार किया गया प्रवेश पत्र बरामद हुआ है। साल्वर दे रहे थे परीक्षा, वास्तविक अभ्यर्थी थे कक्ष निरीक्षक
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिनकी जगह साल्वर परीक्षा दे रहे थे, वे दोनों अभ्यर्थी उसी परीक्षा केंद्र पर कक्ष निरीक्षक की भूमिका में थे। इतना ही नहीं वे उसी हाल में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी कर रहे थे, जिसमें दोनों साल्वर परीक्षा दे रहे थे। साल्वरों से पूछताछ के बाद दोनों वास्तविक अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष से ही गिरफ्तार किया गया।
केंद्र संचालक की भूमिका पर संदेह
वास्तविक परीक्षार्थियों को कक्ष निरीक्षक बनाए जाने और उनकी जगह साल्वरों को परीक्षा में शामिल किए जाने को लेकर पुलिस परीक्षा केंद्र के संचालक की भूमिका भी संदिग्ध मान रही है। पुलिस अधीक्षक दक्षिणी ने बताया इसकी जांच की जा रही है। संचालक की भूमिका सामने आने पर उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
10 व 15 हजार रुपये में तय हुआ था सौदा
बिहार से बुलाए गए साल्वरों में से एक ने 10 हजार रुपये और दूसरे ने 15 हजार रुपये में सौदा तय किया था। अलमास की जगह परीक्षा में शामिल हुए साल्वर रोशन कुमार ने इसके लिए 15 हजार रुपये वसूले थे। दूसरे अभ्यर्थी दिलीप की जगह परीक्षा में शामिल राजीव कुमार ने 10 हजार रुपये लिया था।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे दोनों साल्वर
गिरफ्तार किए गए दोनों साल्वर पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। दिलीप और अलमास ने एक बिचौलिए के माध्यम से उनसे संपर्क किया था। सौदा तय होने के समय साल्वरों ने परीक्षा उत्तीर्ण करने की गारंटी दी थी। फेल होने की स्थिति में उन्होंने रुपये वापस करने का वादा किया था। साल्वरों से संपर्क कराने वाले बिचौलिए के भरोसा देने पर उन्होंने साल्वरों को रकम का भुगतान किया था।
आन लाइन परीक्षा केंद्र से दो साल्वर और जिनकी जगह परीक्षा दे रहे थे, वे दोनों अभ्यर्थी गिरफ्तार किए गए हैं। उनके विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी और परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साल्वरों के परीक्षा में शामिल होने और वास्तविक अभ्यर्थियों की कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी लगाए जाने के मामले में आन लाइन परीक्षा केंद्र के संचालक की भूमिका की छानबीन की जा रही है।
ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, एसपी दक्षिणी