Gorakhpur Zoo: यूपी के वन मंत्री ने कहा, सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है- नहीं चलेगी लापरवाही
उत्तर प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने शुक्रवार को गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे तय समय के अंदर गुणवत्ता के साथ कार्य को पूरा करें।
गोरखपुर, जेएनएन। वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान ने शुक्रवार को शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे तय समय के अंदर गुणवत्ता के साथ कार्य को पूरा करें। गुणवत्ता के साथ कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्य में अगर देरी हो रही है तो अतिरिक्त संसाधन लगाकर पूरा करें। लापरवाही नहीं चलेगी।
अधिकारियों से बोले, गुणवत्ता के साथ नहीं होगी कोई समझौता
निरीक्षण के दौरान वन मंत्री ने गेंडा बाड़ा के निर्माण पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस बाड़े में गेंडा को परेशानी हो सकती है। उन्होंने बाड़े के बनावट को लेकर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की। साथ ही आवश्यक सुझाव भी दिया। अन्य बाड़ों को देखने के बाद उन्होंने संतुष्टि जताई। पूरी गहनता के साथ निरीक्षण के बाद अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे निर्धारित मानक के अनुसार ही बनाया जाना है। जो बौद्ध सर्किट में आता है। यहां रोजाना देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। यह अनूठा चिडिय़ाघर यहां आने वाले हजारों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। बैठक में वन मंत्री के साथ दो दिवसीय निरीक्षण पर आई सेंट्रल जू अथारिटी की टीम में शामिल डा. देवेंद्र कुमार, लक्ष्मीनारायण सिन्हा के अलावा स्थानीय तथा वन अधिकारी मौजूद थे।
केंद्रीय टीम ने निर्माण कार्य में गिनाईंं कमियां
इसके पूर्व दो दिवसीय निरीक्षण पर दिल्ली से पहुंची सेंट्रल जू अथारिटी की दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। निर्माण कार्य की कमियों को गिनाया। कुछ बाड़ों के ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कराने पर जोर दिया। साथ ही व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए। इवैलुएशन एंड मॉनिटरिंग आफिसर डा. देवेंद्र और साइंटिफिक आफिसर लक्ष्मी नरसिम्हा की टीम, प्राणी उद्यान और कार्यदायी संस्था निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ दिन में 11 बजे स्थलीय निरीक्षण करने पहुंची। केंद्रीय टीम सबसे पहले चिडिय़ों के लिए बने बाड़े का निरीक्षण किया। बाड़े के अंदर कर्मचारियों के आने-जाने की व्यवस्था पर टीम के सदस्यों ने असंतोष जताया। इसी तरह बंदरों के बाड़े में लगाए गए ड्रेनेज सिस्टम पर भी आपत्ति दर्ज कराई। भालू के लिए बनाए गए बाड़े के चारों तरफ लगी जाली की ऊंचाई मानक से कम बताया तथा ड्रेनेज सिस्टम पर आपत्ति जताई। अन्य बाड़ों में भी रह गईं छोटी-छोटी कमियों को बताते हुए दुरुस्त कराने का निर्देश दिया। खासकर ड्रेनेज सिस्टम को मानक के अनुरूप बनवाने को कहा। प्राणी उद्यान के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी ङ्क्षसह ने बताया कि टीम की रिपोर्ट आने के बाद निर्माण में रह गई कमियों को दूर करने के साथ ही उद्यान का बाकी बचा काम पूरा कराया जाएगा। 60 दिन में काम पूरा करा लेने की बात कही है। इसके बाद जानवरों को लाने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
एक नजर में प्राणी उद्यान
121.384 एकड़ में हो रहा है निर्माण
51 एकड़ में होगा प्राणी उद्यान
34 एकड़ में वेटलैंड
29.64 एकड़ में लगाया जाएगा जंगल
2.15 एकड़ में हॉस्पिटल, क्वारंटाइन सेंटर, रेस्क्यु सेंटर और इनसिनेटर
4.15 एकड़ में होगा कर्मचारियों का आवास
33 बाड़े
284 जानवर