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UP Election 2022: लोकतंत्र के महापर्व में हर बार पुरुषों से आगे रही हैं मह‍िलाएं

UP Vidhan Sabha Election 2022 व‍िधान सभा चुनाव में मह‍िलाएं हर बार पुरुषों से आगे रही हैं। 2012 के व‍िधान सभा चुनाव में पुरुष व महिला के मतदान प्रतिशत में 7.5 से लेकर 13 प्रतिशत तक का अंतर था। 2017 के चुनाव में यह अंतर और बढ़ गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 01:28 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 01:28 PM (IST)
UP Vidhan Sabha Election 2022: व‍िधान सभा चुनाव में मह‍िलाओं का मत प्रत‍िशत हमेशा आगे रहा है।

गोरखपुर, उमेश पाठक। सांसद चुनना हो या विधायक, प्रत्याशियों की हार-जीत में महिलाओं का योगदान पुरुषों के मुकाबले अधिक होता है। मतदान प्रतिशत कम होने का ठीकरा भले ही महिलाओं पर फोड़ा जाता रहा हो, लेकिन गोरखपुर बस्ती मंडल के सात जिलों की 41 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के आंकड़े बताते हैैं कि आबादी के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक संख्या में मतदान के लिए निकलती हैैं।

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2012 और 2017 के चुनाव में आबादी की तुलना में महिलाओं का मतदान प्रतिशत रहा अधिक

विधानसभा चुनाव 2012 और 2017 के आंकड़े पुष्टि करते हैैं कि जिस दिन लोकतंत्र का पर्व होता है, घर की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाएं उसे पुरुषों के मुकाबले अधिक उत्साह से मनाती हैैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल में मतदान के मामले में पुरुष उनसे पीछे नजर आते हैैं। विधानसभा चुनाव 2012 में पुरुष व महिला के मतदान प्रतिशत में 7.5 से लेकर 13 प्रतिशत तक का अंतर है। यानी 100 पुरुषों में से 50 पुरुष बूथ तक जाते हैं तो 100 महिलाओं में 58 से लेकर 63 महिलाएं बूथ तक पहुंच रही हैैं। पांच साल बाद 2017 में हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत का यह अंतर और बढ़ गया और पुरुषों के मुकाबले दोनों मंडलों में 12 से 17 प्रतिशत तक अधिक मतदान हुआ।

प्रवास और रोजगार के चक्कर में नहीं निकलते पुरुष

आबादी के मुकाबले मतदान प्रतिशत कम होने के पीछे का कारण रोजगार के फेर में उनका प्रवासी होना है। चुनाव से जुड़े अधिकारी मानते हैैं कि रोज कमाने खाने वाले श्रमिक मतदान के दिन भी अपनी दिहाड़ी नहीं छोड़ पाते हैैं। इसलिए वह बूथ तक नहीं पहुंच पाते। इस बार अभियान चलाकर पुरुषों को जागरूक किया जाएगा कि वह लोकतंत्र को प्राथमिकता दें।

पुनरीक्षण में भी बढ़ी संख्या

हाल ही में संपन्न हुए मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम में भी महिलाओं की संख्या में अ'छी-खासी वृद्धि हुई है। गोरखपुर जिले में 2017 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार कुल मतदाता 1.25 लाख बढ़े हैं, इनमें से 1.03 लाख केवल महिलाएं हैं। ऐसे में परिणाम तय करने में महिलाओं की भूमिका इस बार और बड़ी होनी तय है।


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