देवरिया की रामपुर कारखाना सीट, बस नाम का कारखाना- खांडसारी उद्योग अब अतीत की बातें
UP Vidhan Sabha Election 2022 देवरिया की रामपुर कारखाना सीट में कारखाना शब्द केवल नाम का रह गया है। यहां का खांड़सारी उद्योग राजनीतिक उपेक्षा के कारण चौपट हो चुका है। यहां के मतदाताओं की नाराजगी है कि सरकारें वादा पूरा नहीं करती तो उम्मीद भी कि दिन बहुरेंगे।
देवरिया, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। नाम रामपुर कारखाना, जहां अब कोई कारखाना नहीं है। सन 1900 के आसपास बरहज जलमार्ग के जरिये लाहौर तक चीनी भेजने वाले खांडसारी उद्योग के आज अवशेष भी नहीं दिखते। देवरिया के रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र बने 12 वर्ष से अधिक हो गए हैैं, लेकिन दलों के घोषणापत्र औद्योगिक विकास का दस्तावेज नहीं बन पाए। विकास के सियासी दावे-वादों के बीच अभी तक हुए दो विधानसभा चुनाव में जनता ने अलग-अलग विचारधारा का साथ दिया, यह भी कह सकते हैैं कि वह लहर में बही और यह भी कि प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलने के बाद वह सबका लिटमस टेस्ट कर रही है।
तीसरा चुनाव देखने जा रही इस विधानसभा का सियासी पारा बेहद सर्द मौसम में भी ऊपर जा रहा है। यहां राष्ट्रीय मुद्दे चर्चा में हैैं, लेकिन ग्रामीण परिवेश और उसका विकास भी मुखर है। कोई चमचमाती सड़कों की तरह कल-कारखानों की दीवार का सपना देख रहा है तो कोई लहलहाती फसलों की तरह रोजगार फलने-फूलने की उम्मीद कर रहा। किसी का सवाल जनप्रतिनिधियों के कामकाज पर है तो कोई उनके तौर-तरीकों पर भी अपनी बात कहने से नहीं चूक रहा। नाराजगी है कि सरकारें वादा पूरा नहीं करती तो उम्मीद भी कि दिन बहुरेंगे।
गर्म हुआ चुनावी माहौल
जिला मुख्यालय देवरिया से रामपुर कारखाना कस्बे की ओर फोरलेन पर चलते हुए करीब नौ किमी दूर डुमरी गांव के दारोगा की चाय की दुकान का माहौल बेहद गर्म है। सुबह की चाय के साथ चुनावी चुस्कियां भी ली जा रही है। माहौल भांपने की कोशिश की गई तो खैनी ठोंक रहे किसान पारस यादव ने बेलौस बोले कि पिछली बरिया मोदी के वोट देहले रहलीं, लेकिन अबकी मन बदलत बा। जवन वादा कइलें रहलें, पूरा नइखे भईल। इ हो बात ह कि वोटे के दिन देखल जाई की का कइल जाए। साथ बैठे रामनरेश पारस की गदोरी से खैनी उठाते हुए बोलते हैैं का नाहीं भइल हो। एतना काम भइल तब्बो। गरीबन के तेल-राशन मिलत बा। सड़क बनत बा। दारोगा यादव रामनरेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बोले ये तो है। मोदी जी काम तो किए हैैं। हां, इस बार यहां लड़ाई जोरदार होगी। पिछली बार की तरह आसान नहीं होगा। चाय खत्म कर कस्बे की तरफ बढ़े तो पौना किमी की दूरी पर बित्ता भर की पौध वाली गेहूं की फसल से खर-पतवार निकालने में रही बिंदी बिंदा देवी परिवार के साथ जुटी थीं। बात करने पर बोलीं, बाबू सरकार देहले त बहुत बा, लेकिन स्कूल नहीं खुलल। ब'चा लोग क पढ़ाई नइखे हो पावत। सबके लगे मोबाइल नाई न बा कि उ का कहाला.. अनलाइन पढ़ ले। बाकी मालिक जे के कहिहें वोट दे देब।
रामपुर कारखाना थाने के आगे सब्जी की दुकान किए सोनू शर्मा बोले इस बार भी वहीं वोट देंगे। मोदी-योगी सरकार में अस्पताल और बेहतर इलाज मिला। विकास हुआ। कोरोना से बचाने के लिए मुफ्त में टीका लग रहा है। लोगों हो हल्ला करने दीजिए। पास खड़े रामप्रवेश कुशवाहा तमतमा कर बोले, इस क्षेत्र में कोई विकास हुआ क्या। कारखाना खुला कि रोजगार मिलता। नेता केवल वोट लेने आते हैं। फिर दर्शन भी नहीं देते। लोग वादा किए, लेकिन काम नहीं किए।
चौक चौराहों पर हो रही चर्चा
यहां से देवरिया कसया मार्ग पर चले और ढाई किमी दूर पटनवा पुल पहुंचे तो ठेले पर दुकान लगाए राजू शर्मा बोले, सरकार ने बिजली दी, गांव में सड़क बन गई है, स्कूलों का कायाकल्प हो गया है। अब मोदी-योगीजी लोगों के घरों में टाइल्स लगवा दें क्या। यहां से करीब तीन किमी दूर रणछोड़ कुटी बाजार है। इस इलाके के खेत सब्जी की फसल से लहलहा रहे हैैं, लेकिन किसान रखवाली के लिए भी बैठे हैैं। यहां की चाय की दुकान पर सियासी माहौल था। सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए बब्बन यादव बोले, केवल राशन बांटे से काम नहीं चलेगा। महंगाई बढ़ी है, जब पैसा नहीं रहेगा तो बाकी सामान कैसे आएगा। रोजगार के लिए उद्योग लगाए क्या। गांव में बिजली के तार झूल रहे हैैं। अभी तक नहीं बदले गए। रोज ट्रांसफार्मर जल जाता है। सपा सरकार में फोन करते ही काम होता था। बगल में बैठे हरपुर के ऋषि विश्वकर्मा ने उसी तेजी में पलटवार किया। योगीजी की सरकार ने बहुत कुछ दिया है। महिलाओं को सुरक्षा मिल रही है।
महंगाई से लेकर स्वास्थ्य सेवा है मुद्दा
गरीब को मुफ्त इलाज मिल रहा है। कोरोना से बचाव मिल रहा है। तभी अलाउद्दीन खान बब्बन के साथ खड़े नजर आते हैैं। कहते हैैं- महंगाई ने कमर तोड़ दी है। डीजल-पेट्रोल कितना महंगा हो गया है। सपा सरकार बेरोजगारी भत्ता देती थी। वह बंद हो गया... बात पूरी भी नहीं हुई थी कि रितेश सिंह जोश में बोले- योगी-मोदी सरकार ने जो किया, आज तक कभी नहीं हुआ। किसानों के खाते में पैसा आ रहा है। योगीराज में दंगा नहीं हुआ। क्या यह कम है। अब शांत बैठे सुरेश प्रसाद भी बतकही में शामिल हुए और बोल पड़े कि जो काम बहन जी ने किया, वह कोई और नहीं कर पाया। यहां शिवनारायण मद्धेशिया बोल पड़े कि काम भले ही न हुआ हो, लेकिन हमें कोरोना काल और उसमें योगी सरकार क किए काम नहीं भूलना चाहिए।
बिजली पर हो रही सपा से तुलना
यहां से रामपुर कारखाना कस्बे पहुंचे। बहरामपुर निवासी गोरख सिंह, मुखलाल सिंह कहते हैैं कि बिजली कहां आ रही। गर्मी में तो हाहाकार मचा रहता है। महंगाई पर भी लगाम लगनी चाहिए। सुभाष चौक पर मौजूद प्रेमशीला चौहान, निशा प्रजापति, अल्का विश्वकर्मा रोजगार केंद्र बनाए जाने का अपना मुद्दा मानती हैैं। कहती हैैं हमारे वोट का आधार नौकरी है। भटनी बाजार में सावरेजी के बदन बहादुर, बेहराडाबर के जयप्रकाश कुरमोटा ठाकुर के व्यास सियासत तर्क-वितर्क कर रहे थे। पयासी में गंडक नदी पर निर्माणाधीन पुल को भाजपा की उपलब्धि बता तारीफ हो रही थी तो लेट लतीफी पर सवाल भी हो रहे थे। रतनपुरा गांव के जितेंद्र चौहान मानते हैैं कि सपा शासन में अधिक काम हुआ। वह कहते हैैं इस वक्त जर्जर सड़कों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
फैक्ट फाइल
कुल मतदाता 351398
पुरुष मतदाता 188546
महिला मतदाता 162839
दिव्यांग मतदाता 2669
बुजुर्ग मतदाता 7329
सड़कें बनी हैैं। देवरिया-कसया मार्ग कितने दिनों से खराब था। उसे ठीक कराया गया है। अन्य सड़कों का भी निर्माण कराया गया। दरअसल, बिचौलियों का काम खत्म हो गया है, इसलिए कुछ लोग परेशान हैं। हां, प्रतिनिधि को अपने क्षेत्र में अधिक समय देना चाहिए। - बबलू निषाद, कोन्हवलिया।
भाजपा सरकार में गांव के विकास पर ध्यान दिया गया है। हरपुर गांव में आजादी के बाद से कोई काम नहीं हुआ था। अब सीसी रोड है। यह सरकार के विकास का नमूना है। गांव में शैक्षिक स्तर ठीक करने के लिए विद्यालयों को आधुनिक बनाने की जरूरत है। - अवध किशोर, सेवानिवृत्त कर्मचारी, हरपुर विंदवलिया।
क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, ताकि मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े। बिजली व्यवस्था ठीक नहीं है। इस पर फोकस करना होगा। औद्योगिक इकाई लगाकर यहां के बेरोजगारों को रोजगार देने की दिशा में पहल करने की आवश्कता है। - डा. सतीश कुशवाहा, चिकित्सक, रामपुर कारखाना।
सरकार का काम काज तो ठीक है, लेकिन अभी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उसपर फोकस करने की जरूरत है। व्यवसायियों के लिए औद्योगिक आस्थान बनाना चाहिए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। कस्बे में पेयजल का इंतजाम बेहतर बनाने की जरूरत है। - शहंशाह आलम, व्यवसायी, राजगद्दी वार्ड।
यह है रामपुर कारखाना सियासी का इतिहास
रामपुर कारखाना वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद विधानसभा नया क्षेत्र बना। एक समय यह क्षेत्र गुड़ की विभिन्न किस्मों और स्वाद के साथ चीनी उत्पादन के लिए भी जाना जाता था। यह विधानसभा क्षेत्र देवरिया सदर, पथरदेवा, भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं से लगता है। इससे पहले विधानसभा क्षेत्र के गांव देवरिया, पथरदेवा एवं सलेमपुर तथा भाटपाररानी का हिस्सा था।
339 -रामपुर कारखाना में कब किस दल का रहा कब्जा
वर्ष प्रत्याशी दल
2012 गजाला लारी सपा
2017 कमलेश शुक्ला भाजपा।