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यूपी चुनाव 2022: इस बार मतदाता पर्ची पर नहीं रहेगी फोटो

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 न‍िर्वाचन आयोग ने इस बार मतदाता पर्ची से मतदाताओं की फोटो हटा द‍िया है। ऐसा मतदान केन्‍द्रों के बूथों पर होने वाले व‍िवाद से बचने के ल‍िए क‍िया गया है। पर्ची पर मतदाता का नाम क्रमांक आदि सूचनाएं पूर्ववत रहेंगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 03:45 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 03:45 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: इस बार मतदाता पर्ची पर नहीं रहेगी फोटो
UP Vidhan Sabha Chunav 2022: चुनाव आयोग ने इस बार मतदाता पर्ची से मदाताओं की फोटो को हटा द‍िया है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ऐसा पहली बार होगा कि वोटर पर्ची पर फोटो नहीं होगी यानि मतदाता को इस पर अपनी फोटो नहीं दिखेगी। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने यह निर्णय मतदाता पहचान पत्र के रूप में प्रयोग करने और बूथ पर पहचान को लेकर होने वाले विवाद को रोकने के लिए लिया है।

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इस कारण ल‍िया गया न‍िर्णय

हर बार चुनाव के समय मतदाताओं को फोटो युक्त मतदाता पर्ची मिलती रही है। कई बार यह सुनने में आया कि लोग इसका पहचान पत्र के रूप में भी प्रयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर फोटो अस्पष्ट होने को लेकर बूथों पर मतदाता की पहचान को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं। मतदाता पर्ची पर फोटो प्रिंट करने को लेकर समय व लागत भी अधिक आती है। इस बार चुनाव आयोग ने बिना फोटो के मतदाता पर्ची देने का कार्य शुरू किया है। इसपर मतदाता का नाम, क्रमांक आदि सूचनाएं पूर्ववत रहेंगी।

केवल बूथ और मतदान संख्या जानने के लिए होगा प्रयोग

इसका प्रयोग केवल बूथ और मतदान संख्या जानने के लिए ही होगा। अन्य किसी भी उद्देश्य से इसका प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने बताया कि मतदाता वोट पर्ची का प्रयोग अपने पहचान पत्र के रूप में कर रहे थे। इस पर रोक लगाने के लिए ही यह निर्णय लिया गया है। इससे सहूलियत भी होगी और पहचान को लेकर विवाद भी नहीं होगा।

दस से कम प्रस्तावक हुए तो न‍िरस्‍त हो जाएगा नामांकन

विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों के लिए प्रस्तावकों की संख्या निर्धारित हो गई है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को एक प्रस्तावक देना होगा, वहीं निर्दल प्रत्याशियों को 10 प्रस्तावकों को साथ लाना होगा। प्रस्तावकों की संख्या कम होने पर उनका नामांकन वैध नहीं रह जाएगा। राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता एवं चुनाव वाले राज्य में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के अलावा शेष दलों के प्रत्याशियों को निर्दल के रूप में ही रखा जाता है।


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