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UP Election 2022: यूपी की इस सीट पर जनता ने हर चुनाव में बदला नेता, इस बार है रोचक मुकाबला

UP Vidhan Sabha Election 2022 पूर्वांचल की संतकीर नगर ज‍िले की खलीलाबाद सीट का रोचक इत‍िहास है। इस सीट से कोई भी नेता लगातार दो बार व‍िधान सभा में नहीं पहुंचा। यहां सपा बसपा भाजपा के अलावा पीस पार्टी का भी अच्‍छा खासा जनाधार है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 02:11 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 02:11 PM (IST)
UP Election 2022: यूपी की इस सीट पर जनता ने हर चुनाव में बदला नेता, इस बार है रोचक मुकाबला
UP Vidhan Sabha Election 2022: यहां पढ़ें, खलीबाबाद व‍िधानसभा की ग्राउंड र‍िपोर्ट।

संतकबीर नगर, राज नारायण मिश्र। UP Assembly Election 2022: संतकबीर नगर की तीन विधानसभा क्षेत्रों में जहां मेंहदावल और धनघटा में सपा ने जोरदार टक्कर देने के साथ ही कई बार जीत हासिल की, वहीं खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र में जनपद के सृजन के बाद से किसी को लगातार दो बार जीत नहीं मिल सकी। पिछले दो चुनावों में दूसरे स्थान पर रहकर बसपा ही अपना दम दिखाती रही। सपा इन चुनावों में तीसरे और चौथे पायदान पर रही है।

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सपा-बसपा का रहा है वर्चस्‍वत

जनता दल से अलग होकर 1992 में मुलायम स‍िंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) का गठन हुआ। पार्टी गठन के बाद 1993 में हुए चुनाव में 177 खलीलाबाद से भाजपा के राम प्रकाश ने 41423 मत प्राप्त किया, बसपा के भगवान दास को 40425 और जनता दल के राम लखन 21608 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कार्यकाल पूरा होने के पहले विधानसभा भंग हो गई तो 1996 में फिर से चुनाव हुआ। इसमें खलीलाबाद से जनता दल के राम आसरे पासवान को 38046 मत मिले। भाजपा के राम प्रकाश 35435 मत पाकर दूसरे स्थान पर तो वहीं बसपा के पंकज कुमार गौतम 34300 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इसी बीच 1997 में जनपद का गठन हो गया। उसके बाद 2002 के चुनाव में भाजपा के द्वारिका प्रसाद विधायक बने। 2007 में बसपा के भगवान दास ने भाजपा से यह सीट छीन ली।

पीस पार्टी ने भी द‍िखाई है ताकत

2012 में पीस पार्टी काउदय होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मो. अय्यूब नेचुनाव जीता। इस चुनाव में बसपा के मशहूर आलम चौधरी ने कड़ी टक्कर दी। बसपा दूसरे स्थान पर रही और सपा को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 2017 में भाजपा के दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबेने यहां जीत हासिल की परंतु बसपा के मशहूर आलम चौधरी से कड़ा मुकाबला रहा। इस चुनाव में भी सपा चौथे स्थान पर रही थी। पीस पार्टी को तीसरा स्थान मिला था। अब तक हुए चुनाव की स्थिति को देखकर यह साफ है कि खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र से लखनऊ विधानसभा तक पहुंचने की दौड़ में कोई लगातार दो बार सफल नहीं हो सका।

यहां के लोग हर चुनाव में अपना नेता बदलते रहे हैं। बात अलग है कि खलीलाबाद सदर के विधायक दिग्विजय नारायणउ र्फ जय चौबेने पाला बदलकर साइकिल की सवारी कर ली है। वह पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्ताधारी दल को चुनौती देकर अपने खास बलिराम यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आसीन कराने में सफल रहे। उनके सपा में आने से नए समीकरण भी बने हैं। आगे परिणाम क्या होगा यह तो मतदाता ही तय करेंगे, पर एकबात तो सच है कि भाजपा, सपा, बसपा के साथ ही गठबंधन नहीं हो पाने की दशा में पीस पार्टी और कांग्रेस की भी कड़ी चुनौती रहेगी।


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