UP board: बोर्ड की शिक्षकों को सलाह, छात्रों को नंबर देने में बनें उदार
यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरू हो चुकी है। बोर्ड सीबीएसई के प्रशिक्षकों द्वारा जिले के सात मूल्यांकन केंद्रों के उप नियंत्रकों को आनलाइन मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दे चुका है जो अब अन्य प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित करेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। यूपी बोर्ड की परीक्षा भले ही आठ मई से शुरू होगी, लेकिन उससे पहले उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरू हो चुकी है। बोर्ड सीबीएसई के प्रशिक्षकों द्वारा जिले के सात मूल्यांकन केंद्रों के उप नियंत्रकों को आनलाइन मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दे चुका है, जो अब अन्य प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद प्रधानाचार्य अपने-अपने अपने-अपने स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। बोर्ड का इस बार सारा जोर मूल्यांकन के पुराने ढर्रे को बदलते हुए छात्रों को उदारता के साथ अंक प्रदान करने पर है।
परीक्षा से पहले मूल्यांकन की तैयारियों में जुटा यूपी बोर्ड
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञ प्रधानाचार्यों को बता चुके हैं कि अन्य बोर्ड के परीक्षार्थी ङ्क्षहदी जैसे विषय में 90 से 95 नंबर पाते हैं। जबकि यूपी बोर्ड के ब'चे मुश्किल से 60 नंबर ला पाते हैं। जबकि परीक्षा देने वाले सभी ब'चे ङ्क्षहदी भाषी क्षेत्र के होते हैं। ऐसे में उनकी कापियों के मूल्यांकन के दौरान विशेष ध्यान रूप से ध्यान दें, ताकि वह उनके स्कोर प्रभावित न हो।
विशेषज्ञों ने दिए मूल्यांकन के यह टिप्स
नंबर देने में परीक्षक बरतें उदारता
स्टेप मार्किंग पर ध्यान दें
कापी में छात्रों का उत्तर देखकर ब'चे के बौद्धिक स्तर का आंकलन करें, फिर दें नंबर
यदि छोटा उत्तर लिखा गया है और उसमें सभी तथ्य समाहित हैं तो उस पर गौर करते हुए नंबर दें
उत्तर पुस्तिका व एवार्ड ब्लैंक में अंकों की भिन्नता न हो
उप प्रधान परीक्षक खासतौर से उत्तर पुस्तिका व एवार्ड ब्लैंक की रेंडम जांच करें
कुल अंकों का मूल्यांकन करने के पश्चात एक बार जरूर मिलान करें
कापियों में दिए गए अंकों में ओवरटाइमि से बचें
पूर्णांक के अनुसार ही दें अंक
छात्रों का हित प्रभावित न हो इसको देखते हुए बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर प्रधानाचार्यों को आनलाइन प्रशिक्षित किया है। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं, ताकि परीक्षक ठीक ढंग से मूल्यांकन का कार्य पूर्ण कर सकें। - विनोद कृष्ण, अपर सचिव, क्षेत्रीय कार्यालय, यूपी बोर्ड।