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स्‍टार्टअप के लिए विद्यार्थियों को न्योता देगा विश्‍वविद्यालय Gorakhpur News

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने इनोवेशन और इंक्यूबेशन सेंटर के संचालन की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में वह बहुत जल्द स्टार्टअप शुरू करने में मदद करने के लिए विद्यार्थियों को आमंत्रित करने जा रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 04:10 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 04:10 PM (IST)
स्‍टार्टअप के लिए विद्यार्थियों को न्योता देगा विश्‍वविद्यालय Gorakhpur News
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने इनोवेशन और इंक्यूबेशन सेंटर के संचालन की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में वह बहुत जल्द स्टार्टअप शुरू करने में मदद करने के लिए विद्यार्थियों को आमंत्रित करने जा रहा है। सेंटर से 100 स्टार्टअप शुरू करने की योजना है। पहले चरण में सात विद्यार्थियों का चयन इसके लिए किया जाएगा।

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विश्‍वविद्यालय करेगा हर स्‍तर पर मदद

जिन विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा, उनके उद्योग से जुड़े विचारों को स्टार्टअप के तौर पर मूर्त रूप देने में विश्वविद्यालय हर स्तर की मदद करेगा। स्टार्टअप कंपनी खोलने से लेकर प्रशिक्षण देने और आर्थिक मदद करने की भी विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने बताया कि सेंटर के समन्वय की जिम्मेदारी प्रो. अजेय कुमार गुप्ता को सौंपी गई है। सह समन्वयक के तौर पर प्रो. दिव्या रानी सिंह और डा. स्मृति मल्ल को नामित किया गया है। प्रो. अजेय और प्रो. दिव्या रानी तीन-तीन विद्यार्थियों को स्टार्टअप शुरू करने में मदद करेंगे जबकि वेस्ट मैनेजमेंट पर स्टार्टअप शुरू करने वाले विद्यार्थी की मदद डा. स्मृति मल्ल करेंगी। प्रो. दिव्या रानी को एग्रो बेस्ट स्टार्टअप के मार्गदर्शन का जिम्मा सौंपा गया है।

चयनित विद्यार्थियों को लाया जाएगा विशेषज्ञ के संपर्क में

चयनित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा नामित विशेषज्ञ के संपर्क में लाया जाएगा। यह विशेषज्ञ कंपनी स्थापित करने से लेकर बिजनेस को आगे बढ़ाने तक में विद्यार्थी की मदद करेंगे। स्टार्टअप शुरू करने वाले विद्यार्थियों को पुराने इंटरप्रेन्योर से मार्गदर्शन दिलाने की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय करेगा, जिससे किसी भी स्थिति में विद्यार्थियों का प्रयास असफल न होने पाए। प्रो. अजय ने बताया कि विद्यार्थियों को धन की मदद करना भी विश्वविद्यालय की योजना में शामिल है। इसके लिए नाबार्ड को सेंटर से जोड़ा जाएगा। फिलहाल सभी कार्य आनलाइन किए जाएंगे। कोरोना का संक्रमण थमते ही स्टार्टअप को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

कार्यशाला में दिखाएंगे सफल होने की राह

स्टार्टअप के लिए विद्यार्थियों का चयन उनकी योजना की सार्थकता के आधार पर किया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को अपनी योजना की खूबी और कमी का पता चल सके, इसके लिए विश्वविद्यालय के ह्यूमन रिसोर्स डेवलेमेंट सेंटर की ओर से कार्यशाला आयोजित की जाएगी। कार्यशाला से ऐसे विषय विशेषज्ञों और सफल उद्यमियों को जोड़ा जाएगा, जो विद्यार्थियों को स्टार्टअप से सफलता की राह दिखा सकें और हौसला भी बढ़ा सकें।

विश्‍वविद्यालय बच्‍चों को दे रहा अवसर

दीदउ गोरखपुर विवि के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्टार्टअप की असीम संभावनाएं है और यह समय की मांग भी है। अवसर न मिलने से इसे लेकर विद्यार्थियों के विचार उनके मन में ही रह जाते थे, धरातल पर नहीं आ पाते। विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों को अवसर देने जा रहा रहा है। इनोवेशन और इंक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से विद्यार्थियों को स्टार्टअप शुरू करने में हर संभव मदद की जाएगी।


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