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संयुक्‍त परिषद की त्‍यौहार के पहले सरकार से बोनस की मांग Gorakhpur News

इससे पहले कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी परेशानियों से अवगत कराया जा चुका है। बैठक में कहा गया कि कर्मचारियों ने कोरोना काल में काफी मेहनत की है। जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की है और ईमानदारी के साथ करते चले आ रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:30 PM (IST)
राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद गोरखपुर इकाई के पदाधिकारी।

गोरखपुर, जेएनएन। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने त्यौहार के पहले बोनस देने की मांग की है। परिषद के गोरखपुर शाखा के अध्‍यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्‍तव ने कहा है कि प्रधानमंत्री के ट्वीटर पर पत्र लिखकर बोनस देने का अनुरोध किया जाएगा। परिषद की हुई बैठक में वक्‍ताओं ने कहा कि जनवरी से दे चार फीसद महंगाई भत्ते का भुगतान करने, कोरोना काल में कर्मचारियों को जुलाई से महगाई भत्ता देने की घोषणा करने की मांग की है।

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महंगाई भत्‍ता भी बाकी

परिषद के मंत्री अश्वनी कुमार ने कहा कि पदाधिकारियों के सुझाव के बाद यह निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री को कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया जाए। इससे पहले कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी परेशानियों से अवगत कराया जा चुका है। बैठक में कहा गया कि कर्मचारियों ने कोरोना काल में काफी मेहनत की है। जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की है और ईमानदारी के साथ करते चले आ रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों को कोरोना में सरकार की तरफ से कुछ न कुछ मिलना चाहिए। कर्मचारियों के लिए इस वर्ष अभी तक बोनस की घोषणा नहीं की गई। बोनस की घोषणा तत्काल करने की मांग की गई। कर्मचारियों का बोनस और महंगाई भत्ता जनवरी से बकाया है। बैठक में कहा गया कि पिछले जुलाई से ही महंगाई भत्ता बाकी है।

निजीकरण बंद करने की मांग

बैठक में कहा गया कि रामराज की स्‍थापना करने वाली सरकार से निजी करण बंद करने की मांग की गई। वक्‍ताओं ने कहा कि चाहे रेल का हो या बिजली अथवा अन्‍य का मामला हो, निजीकरण नहीं होनी चाहिए। इससे सरकार, विभाग के कर्मचारियों और जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। नियमित नियुक्तियां ही हजारों की संख्‍या में रिक्‍त पड़ी है। उसे नियमित नियुक्ति के माध्यम से भरा जाए जिससे कर्मचारियों के गुस्‍से को ठंडा किया जा सके। कर्मचारी निजीकरण से पूरे गुस्‍से में हैं। सरकार को चाहिए कि वह निजीकरण का विचार न करे। बैठक में अरुण,न्यूज़रत, अशोक,भारतेन्दु, इज़हार,अनूप, रजनेश पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।


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