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समय से स्‍थापित नहीं की इकाई, निरस्त होगा गीडा में 100 भूखंडों का आवंटन Gorakhpur News

उद्यमियों ने अपने भूखंड निरस्त होने से बचाने के लिए छह महीने का समय मांगा था लेकिन मंडलायुक्त ने इसे नकार दिया। जिनका निर्माण पूरा होने वाला है जांच के बाद उन्हें की राहत मिलेगी शेष लोगों के आवंटन अप्रैल में निरस्त कर दिए जाएंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 10:17 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:17 AM (IST)
समय से स्‍थापित नहीं की इकाई, निरस्त होगा गीडा में 100 भूखंडों का आवंटन Gorakhpur News
गीडा में समय से उद्योग न लगाने वाले उद्योगपतियों का भूखंड आवंटन निरस्‍त होगा। - प्रतीकात्‍मकत तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर की अध्यक्षता में संपन्न हो गई। आयुक्त सभागार में आयोजित बैठक में उद्यमियों ने अपने भूखंड निरस्त होने से बचाने के लिए छह महीने का समय मांगा लेकिन मंडलायुक्त ने इसे नकार दिया। जिनका निर्माण पूरा होने वाला है, जांच के बाद उन्हें की राहत मिलेगी, शेष लोगों के आवंटन अप्रैल में निरस्त कर दिए जाएंगे।

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मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में उठी छह महीने और समय देने की मांग

गोरखपुर औद्यागिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के सेक्टर 15 में वर्ष 2014 में 255 भूखंड आवंटित किए गए थे। इसमें से 100 पर अभी भी इकाई स्थापित नहीं की गई। गीडा के नियमों के अनुसार आवंटन के पांच साल के भीतर औद्योगिक इकाई स्थापित न करने पर आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। जिनके आवंटन निरस्त किए जाने हैं, उनमें से कई उद्यमी बैठक में पहुंचे थे। उनकी ओर से छह महीने का समय मांगा गया, चैंबर आफ इंडस्ट्रीज की ओर से समर्थन भी किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

मंडलायुक्‍त ने जताई नाराजगी

उद्यमियों का फंसा भुगतान दिलाने के लिए मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है। इस काउंसिल के समक्ष दो उद्यमियों ने अपना मामला रखा है। अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में बैठक कर इनका मामला निस्तारित किया जाएगा। पहले भुगतान फंसा होने पर कोर्ट की शरण लेनी पड़ती थी अब इस काउंसिल के जरिए ही मिल जाएगा। सभी जिलों से आए उपायुक्त उद्योग ने उनके यहां योजनाओं से लाभान्वित लोगों के बारे में जानकारी दी। सभी जिलों में ऋण मिलने की स्थिति खराब मिली। मंडलायुक्त ने 50 फीसद से कम मामलों के निस्तारण पर नाराजगी जतायी। इस दौरान आइजी राजेश डी मोदक, सीईओ गीडा पवन अग्रवाल, चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंहह, महासचिव प्रवीण मोदी, उद्यमी आकाश जालान, अनंत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

कालेसर जीरो प्वाइंट पर बदलेगी व्यवस्था

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज की ओर से कालेसर जीरो प्वाइंट पर आने-जाने में होने वाली असुविधा का माला उठाया गया। उद्यमियों ने कहा कि वह स्थान असुरक्षित है। मंडलायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को गीडा के सीईओ एवं उद्यमियों के साथ बैठकर रास्ता निकालने का निर्देश दिया है।

सीईटीपी का तकनीकी मूल्यांकन करेगी आइआइटी रुड़की

गीडा में स्थापित होने वाले कामन एंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की स्थापना में देरी का मामला उठाया गया। इसमें नमामि गंगे की ओर से भी 20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सीईटीपी की स्थापना से पहले आइआइटी रुड़की की टीम तकनीकी मूल्यांकन करेगी।

उद्यमियों की समस्याओं का होगा समाधान

उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए गीडा सीईओ पवन अग्रवाल दो मार्च को गीडा के उद्योग भवन में बैठक करेंगे। उद्यमियों ने मंडलायुक्त के समक्ष सुविधाओं का मामला उठाया था। सेक्टर 13 से सेक्टर 15 को जाने वाली वैकल्पिक सड़क को लेकर भी चर्चा होगी। मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में उद्यमियों ने सेक्टर 13 एवं 15 में आवंटित 68 भूखंडों की किस्त शुरू होने का मामला उठाया जबकि अभी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं। इस मामले में उद्यमियों को राहत देने का आश्वासन मिला है। साथ ही मेंटीनेंस चार्ज को लेकर भी मोहलत मिल सकती है। गीडा की इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए ईडब्ल्यूएस आवास बनाने की भी मांग रखी गई।


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