कुशीनगर में दो टोल टैक्स प्लाजा, सुविधाएं पूछिए मत
कुशीनगर जिले में दो टोल प्लाजा है, पर दोनो स्थानों पर यात्रिी सुविधाओं का अभाव है। दुर्घटना होने पर कभी भी एनएचआइ कोई कर्मचारी दिखाई नहीं पड़ता है। हां कागज में सब कुछ होता है, मौके पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है। एनएचआइ के अधिकारी उसी कागज के हवाले बताते हुए कहते हैं कि सारी व्यवस्था है, कहीं पर कोई खामी नहीं है।
गोरखपुर : फोरलेन को चालू हुए छह वर्ष बीत गए। यहां आने जाने वाले वाहनों से सड़क पर गुजरने के लिए रोड टैक्स भरना पड़ता है। लेकिन एनएचआई (नेशनल हाइवे अथारिटी) के मानक के अनुरूप कहीं भी फर्स्ट एड से लेकर तात्कालिक सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यात्रियों को कितनी सुविधाएं फोरलेन पर मिल रही हैं, सहज ही सोचा जा सकता है।
दिसंबर 2012 में शुरू हुए फोरलेन सड़क आम यात्रियों के लिए जहां परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं इस पर मिलने वाली सुविधाएं भी लगभग न के बराबर हैं। गोरखपुर की सीमा के रामपुर बुजुर्ग से शुरू कुशीनगर जिले में हाइवे बिहार की सीमा तक करीब अस्सी किमी की दूरी तक स्थित है। यहां देवरिया जिले के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के हेतिम मुजहना व तरयासुजान थाना क्षेत्र के गांव नोनिया पट्टी के निकट दो टोल टैक्स बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो टोल टैक्स वसूली से इतर क्रेन व आपात कालीन में चिकित्सा व रूटीन पेट्रो¨लग की व्यवस्था दूसरे के हाथ में हैं, जो हाइवे पर कहीं नहीं दिखती है।
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खर्च के लिए मिलता एक लाख 72 हजार रुपये
-हाइवे पर रूट पेट्रो¨लग, एंबुलेंस व क्रेन की व्यवस्था के लिए एनएचआई प्रति महीने टेंडर के नाम पर इससे जुड़े लोगों को एक लाख बहत्तर हजार रुपये का भुगतान करती है, जो केवल कागजों में ही चल रहा है। इस धन का बंदरबांट नीचे से ऊपर तक किया जाता है। यही कारण हैं कि इन सुविधाओं से अछूते लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं। जवाब इस तरह से देते हैं जैसे इनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ सकता है।
नेशनल हाइवे अथारिटी के परियोजना निदेशक पीके श्रीवास्तव कहते हैं कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है। जहां तक मेरी जानकारी में है, वह सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर ऐसा नहीं है तो मामले की जांच करा दोषी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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टोल टैक्स प्लाजा पर रहने वाली व्यवस्थाएं
-एंबुलेंस
-एक डाक्टर व दो सहयोगी समेत चार (निश्शुल्क)
-क्रेन (निश्शुल्क)-रूट पेट्रो¨लग वाहन (निश्शुल्क)
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नहीं मिली सुविधाएं
-टोल टैक्स पर यह तीनों सुविधाएं अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। कभी कभार सड़क पर खड़ी एंबुलेंस दिखाई देती है परंतु न तो चिकित्सक मौजूद रहते हैं और न सहायक। यहां तक कि चालक भी कहीं गाड़ी खड़ी कर गायब हो जाता है। जबकि हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों के इलाज में तत्परता बरतने के लिए यह सुविधा दी गई है। दुर्घटना की वजह से लगने वाले जाम से निपटने के लिए टोल टैक्स बैरियर पर एक क्रेन की व्यवस्था होती है, जो चौबीस घंटे वहीं आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात होती है। लेकिन यह भी संबंधित लोगों के घरों पर ही खड़ी रहती है। हाइवे पर रूट पेट्रो¨लग चौबीस घंटे बनी रहे, इसके लिए तीन शिफ्ट में आठ -आठ घंटे की ड्यूटी कर्मचारियों की लगी रहती है। जो कम से कम आठ घंटे में कम से कम अस्सी किमी की दूरी तय करें। हालांकि इसके लिए कुल दूरी 240 का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन कभी पेट्रो¨लग करते हुए यह गाड़ी नहीं मिलती और न ही हाइवे पर लगी जाम को हटाते हुए यह गाड़ी दिखी। नोनिया पट्टी टोल मैनेजर राधा रमण व ऋषिकेश ¨सह कहते हैं कि सभी सुविधाएं उपलब्ध है। हेतिम मुजहना के मैनेजर इंद्रजीत श्रीवास्तव व उदय प्रताप ¨सह कहते हैं कि आकस्मिक स्थिति में अपने साधन से इलाज के लिए लोगों को भेजा जाता है।
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जीएम बोले
-इन दोनों टोल प्लाजा के जीएम आईके ¨सह कहते हैं कि सभी सुविधाएं उपलब्ध है। इसके लिए कर्मचारी भी लगाए गए हैं। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सारी जरूरतों को पूरा किया जाता है।