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दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार कर रहे थे विवि के गेस्‍ट हाउस का दुरुपयोग, अब भरने होंगे चार लाख रुपये

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने गेस्ट हाउस का दुरुपयोग रोकने के लिए नजीर के तौर बड़ा फैसला लिया है। विश्वविद्यालय ने लंबे समय से गेस्टहाउस में अनधिकृत रूप से रह रहे अपने दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया है। ए

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 10:45 AM (IST)
दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार कर रहे थे विवि के गेस्‍ट हाउस का दुरुपयोग, अब भरने होंगे चार लाख रुपये
विवि के गेस्‍ट हाउस का दुरुपयोग करने पर दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार से वसूले किए जाएंगे चार लाख रुपये। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने गेस्ट हाउस का दुरुपयोग रोकने के लिए नजीर के तौर बड़ा फैसला लिया है। विश्वविद्यालय ने लंबे समय से गेस्टहाउस में अनधिकृत रूप से रह रहे अपने दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया है। एक को दो लाख 54 हजार तो दूसरे को एक लाख 46 हजार रुपये जमा करने होंगे। विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार चंद्रेश धीमान 27 फरवरी, 2020 से गेस्ट हाउस में रह रहे हैं, तो दूसरे असिस्टेंट रजिस्ट्रार रवि निषाद एक जनवरी, 2021 से। इसके पीछे उनका तर्क विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आवास उपलब्ध न कराया जाना है। गेस्ट हाउस में रहने के लिए वह आवासीय भत्ता भी नहीं लेते हैं। कुलपति प्रो.राजेश सिंह ने जब गेस्ट हाउस के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्ती शुरू की तो दोनों असिस्टेंट रजिस्ट्रार के लंबे समय से वहां रहने का मामला भी उठा।

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गेस्‍ट हाउस में लंबे समय तक निवास करने काे माना नियम विरुद्ध

विचार-विमर्श के बाद उच्चाधिकारियों ने गेस्ट हाउस में लंबे समय तक निवास करने को नियम विरुद्ध माना और कार्रवाई का निर्णय लिया। कार्रवाई के लिए गेस्ट हाउस प्रभारी ने जब 20 जुलाई, 2021 को अंतिम तिथि मानकर दोनों के रहने के किराए का हिसाब किया तो चंद्रेश धीमान के जिम्मे दो लाख 54 हजार और रवि निषाद के जिम्मे एक लाख 46 हजार रुपये आए। तत्काल उन्हें यह धनराशि जमा करने का नोटिस थमा दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक दोनों ने न तो नोटिस में तय धनराशि जमा की थी और न ही गेस्ट हाउस परिसर छोड़ा था। विश्वविद्यालय जल्द ही उन्हें रिमाइंडर जारी करने की तैयारी में है।

क्या है नियम

नियम के मुताबिक विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में कोई भी व्यक्ति सात दिन से अधिक नहीं रह सकता। निर्धारित दिन से ज्यादा रहने के लिए उसे सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होती है। साथ ही निर्धारित किराया भी जमा करना होता है। परिसर में आवास न उपलब्ध होने पर किसी भी कर्मचारी के गेस्ट हाउस में रहने का नियम तो हरगिज नहीं है, जिसका तर्क दोनों असिस्टेंट रजिस्ट्रार दे रहे हैं।

नोटिस देकर जल्‍द ही किराया जमा करने को कहा गया है दोनों असिस्‍टेंट रजिस्ट्रार से

गेस्ट हाउस प्रभारी प्रो.राजेश कुमार सिंह ने कहा कि नियम विरुद्ध लंबे समय तक गेस्ट हाउस में रहने के लिए दोनों असिस्टेंट रजिस्ट्रार को नोटिस रिसीव कराया गया है। उन्हें जल्द से जल्द गेस्ट हाउस में रहने की अवधि का किराया जमा करने को भी कहा गया है। दोनों का बकाया किराया चार लाख रुपये से अधिक है।


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