जननांगों की टीबी बांझपन की बड़ी वजह
गोरखपुर जननांगों की टीबी महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता तथा बांझपन की बड़ी वजह
गोरखपुर
जननांगों की टीबी महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता तथा बांझपन की बड़ी वजह है। यह बातें बीआरडी मेडिकल कालेज की स्त्री व प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर रीना श्रीवास्तव ने शनिवार को कहीं। डा. श्रीवास्तव गोरखपुर आब्ट्रेट्रिक्स एवं गायनॉलॉजिकल सोसायटी के तत्वावधान में फाग्सी डे पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक बुखार, कमजोरी, वजन कम होना, भूख न लगना, खांसी एवं बलगम आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। टीबी की पहचान के लिए मरीज में बीमारी के लक्षणों का इतिहास, संपूर्ण चिकित्सकीय परीक्षण, एक्स-रे, मान्टूस टेस्ट, कल्चर टेस्ट आदि टेस्ट अहम हैं।
बीआरडी मेडिकल कालेज के मेडिसिन के विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर डा. महिम मित्तल ने टीबी के निदान में होने वाले असमंजस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष टीबी से सर्वाधिक ग्रस्त देशों में एक है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने पर बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। कुपोषण, वृद्धावस्था, मधुमेह एवं एचआइवी जैसी बीमारिया, मद्यपान तथा प्रतिरोधक क्षमता की कमी बीमारी की मुख्य वजह है। 85 से 90 प्रतिशत मरीजों में फेफड़ों से संबंधित टीबी होती है। शेष में शरीर के किसी भी अन्य भाग की टीबी हो सकती है। फाग्सी की सचिव डॉ. बबिता शुक्ला के अनुसार इस अवसर पर सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें संस्था की अध्यक्ष डा. सुरहिता करीम, डा. प्रतिभा गुप्ता, डा. तनु वर्मा, डा.अर्चना गुप्ता, डा. आराधना सिंह, डा. शालिनी अग्रवाल आदि शहर की गणमान्य विशेषज्ञों ने भाग लिया।